- कैंसर के इलाज पर चर्चा के लिए राजधानी में जुटेंगे एक हजार डॉक्टर

- हर राज्य में बनेगा एक स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट

- डॉ। एमसी पंत के नाम पर बेस्ट रिसर्च को गोल्ड मेडल

LUCKNOW: कैंसर की बीमारी की जागरूकता, सस्ता इलाज और नवीनतम इलाज तकनीक पर चर्चा के लिए गुरुवार से लखनऊ में एक हजार से ज्यादा डॉक्टर एकत्र होंगे। मौका है 37वीं एनुअल कांफ्रेंस ऑफ एसोसिएशन रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट आफ इंडिया का। जिसमें देश विदेश के 140 कैंसर के स्पेशलिस्ट स्पीकर डॉक्टर को आधुनिक इलाज और तकनीक की जानकारी देंगे।

कांफ्रेंस के आर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ। शालीन कुमार ने बताया कि कांफ्रेंस का आयोजन केजीएमयू, एसजीपीजीआई, डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट, लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट व कमांड हॉस्पिटल मिलकर करा रहे हैं। 26 नवंबर से शुरू होने वाली चारदिवसीय कांफ्रेंस में 336 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे।

डॉ। पंत के नाम पर गोल्ड मेडल

कांफ्रेंस के आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि कांफ्रेंस में इस बार से डॉ। एमसी पंत के नाम पर गोल्ड मेडल की शुरुआत की जाएगी। यह बेस्ट रिसर्च को अवॉर्ड की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की ओर से लखनऊ में यह दूसरी कांफ्रेंस है। साथ ही इस कांफ्रेंस में यंग डॉक्टर्स को स्पीकर के साथ बोलने का मौका दिया जाएगा।

2400 करोड़ का बजट निर्धारित

डॉ। अनिमेष उप्रेती ने बताया कि कैंसर इलाज के लिए 2400 करोड़ इस अवसर पर डॉ। एसबी मिश्रा ने बताया कि गवर्नमेंट ने इस पंचवर्षीय योजना में कैंसर के इलाज के लिए 2400 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इससे पहले यह 300 करोड़ का था। उन्होंने बताया कि नई योजना में 60 टर्शरी कैंसर सेंटर बनाए जाएंगे। जिनमें से दो या तीन यूपी में भी होंगे। इसके अलावा हर स्टेट में एक एक स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट भी बनाया जाएगा। संस्थान आपस में जुड़ेंगे ताकि अच्छा इलाज हर व्यक्ति की पहुंच में हो।

डॉक्टर्स की भारी कमी

डॉ। मधुप रस्तोगी ने बताया कि प्रदेश ही नहीं देश में कैंसर के डॉक्टर्स की भारी कमी है। देश में लगभग 30 लाख मरीज होंगे। इसमें 7 से 8 लाख डॉक्टर हर साल बढ़ते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुमान के मुताबिक 2022 तक मरीजों की संख्या में चार गुना बढ़ोत्तरी के आसार हैं। यूपी में सिर्फ केजीएमयू, लोहिया इंस्टीट्यूट, कानपुर मेडिकल कॉलेज, एसजीपीजीआई, बीएचयू और एएमयू में ही कैंसर के लिए पीजी कोर्स संचालित हैं। उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस के बाद सरकार से मांग की जाएगी पीजी कोर्स बढ़ाएं जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर निकलें। इस अवसर पर डॉ। पीके सिंह, अनिमेष उप्रेती, डॉ। एसके श्रीवास्तव, मधुप रस्तोगी पीके सिंह, एमएलबी भट्ट सहित अन्य लोग मौजूद थे।