यह सिलसिला थमना नहीं चाहिए
झारखंड के यूथ में टैलेंट है, बॉलीवुड में सिक्का जमा सकते हैं। राज्य में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। यहां शूटिंग के लिए लोकेशंस भी अच्छे हैं। युवा प्रतिभावान हैं। हमें उन्हें रास्ता दिखाना होगा। इंस्टीट्यूट और ट्रेनिंग सेंटर्स खुलने से इनका रास्ता साफ हो जाएगा। फिल्म नीति झारखंड में बन गई है। अब धरातल पर काम करने की जरूरत है। ये बातें बॉलीवुड के फेमस फिल्म निर्माता व निदेशक सुभाष घई ने कहीं। वह शुक्रवार को खेलगांव में आयोजित स्किल समिट 2018 में बोल रहे थे। श्री घई ने कहा कि बिहार-झारखंड ¨हदी सिनेमा जगत के महत्वपूर्ण अंग रहे हैं। इन क्षेत्रों को लेकर अब फिल्में बननी शुरू हुई हैं। यह सिलसिला थमना नहीं चाहिए।

लोकल लैंग्वेज में बने फिल्म
हदी सिनेमा के लिए झारखंड महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां की भूमिका ¨हदी सिनेमा में बढे़गी। इसके लिए धरातल पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ फिल्मों की शूटिंग प्रदेश में होने या फिर कुछ कलाकारों के शहर में आने से फिल्म संस्कृति का विकास नहीं होता है। फिल्म संस्कृति को लाने के लिए स्थानीय फिल्मों को हमें प्राथमिकता देनी होगी। स्थानीय भाषा में फिल्में बनें। स्थानीय कलाकारों को मौका मिले। फिल्म मेकिंग से लेकर एक्टिंग तक की बारीकियों को सीखने का मौका मिले। उसके बाद ही झारखंड की पहचान ¨हदी सिनेमा की दुनिया में मजबूत होगी।

झारखंड ने बनाया अनूठा रिकॉर्ड 
कार्यक्रम में मंच से सुभाष घई ने कहा कि झारखंड के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। आज झारखंड इतिहास रच रहा है। रघुवर सरकार यहां के युवाओं का स्किल डेवलप कर रही है। इसकी जितनी तारीफ की जाए, कम है। इसके साथ ही झारखंड सरकार ने एक दिन में 25,000 से अधिक युवाओं को निजी कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराकर और उन्हें ज्वाइनिंग लेटर सौंपकर एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाया है।