अबकी बार ज्यादा पैदावार

कृषि सचिव ने यह जानकारी खरीफ सीजन की तैयारी सम्मेलन में राज्यों के प्रतिनिधियों को दी। मानसून को लेकर भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान का एलान इसी महीने के आखिरी सप्ताह में होगा। उस समय तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। पिछले दो सालों के दौरान मानसून की कम बारिश की वजह से देश में खाद्यान्न की पैदावार में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। चालू सीजन में मानसून की सक्रियता बढऩे से पैदावार में वृद्धि का अनुमान है।

सामान्य से अधिक बारिश

उधर, एक निजी कंपनी स्काईमेट ने भी सोमवार को मानसून को लेकर पूर्वानुमान लगाया है। इसके मुताबिक, इस बार मानसून पिछले सालों के मुकाबले बेहतर रहेगा। सामान्य से अधिक (105 फीसद) बारिश होगी। माहवार बारिश का अनुमान लगाते हुए कंपनी ने कहा है कि जून में 90 फीसद, जुलाई में 105 फीसद, अगस्त में 108 फीसद और सितंबर में सामान्य से अधिक यानी 115 फीसद बारिश होगी। अनुमान के साथ चार फीसद की कमीबेशी का नुक्ता भी जोड़ा गया है।

सूखे जैसे बने हैं हालात

फसल वर्ष 2014-15 में देश में खाद्यान्न की कुल पैदावार 25.2 करोड़ टन हुई थी, जो उसके पिछले साल के 26.5 करोड़ टन के मुकाबले बहुत कम थी। इसी तरह फसल वर्ष 2015-16 में 14 फीसद कम बारिश के चलते पैदावार 25.3 करोड़ टन रह गई। दो सालों के लगातार सूखे जैसे हालात ने जहां देश में खेती के लिए मुश्किलें पैदा कर दीं, वहीं पानी की भी किल्लत हो गई है। कृषि सचिव पटनायक ने राज्यों से कहा है कि मानसून के ताजा रुख को देखते हुए अपनी खरीफ तैयारियों में धान व दलहन की खेती पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है। इसके लिए बीज और खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में नमी की भारी कमी से खेती की चुनौतियां और गंभीर हो गई हैं।

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