नगर निगम ने बंद कराए शहर में चल रहे स्लाटर हाउस, मांस की दुकानों को भी भेजी जा रही है नोटिस

नहीं बंद हुई दुकानें तो दर्ज होगी रिपोर्ट, पर्यावरण मंत्रालय के आदेश पर हुई कार्रवाई

ALLAHABAD: मांसाहारी डिश पसंद करने वालों के लिए बुरी खबर है। जल्द ही अब पूरे शहर में मांस की बिक्री बंद होने वाली है। क्योंकि पर्यावरण मंत्रालय व शासन के आदेश पर नगर निगम ने शहर में चल रहे वधशालाओं पर रोक लगा दी है। वधाशालाओं में पशुओं का कटान बंद होने के बद अब दुकानों पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की बारी है। जिसके लिए दुकानों को नोटिस भेजा जा रहा है। इसके बाद भी अगर मांस बिकता हुआ मिला तो दुकानदारों के खिलाफ नगर निगम एफआईआर दर्ज कराएगा।

पर्यावरण को है खतरा

इलाहाबाद में लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा जहर उगलते वाहन ही नहीं बल्कि शहर में चल रही वधशालाएं यानी स्लाटर हाउस हैं। यहां प्रतिदिन मानक के विपरीत खुलेआम सैकड़ों पशुओं को मौत के घाट उतारा जाता है और फिर पशुओं के ब्लड व अपशिष्ट पदार्थो को खुले में फेंक दिया जाता है या फिर नालों में बहा दिया जाता है। पर्यावरण मंत्रालय ने वधशालाओं को इलाहाबाद के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए इसे जल्द से जल्द सील कर बंद करने का आदेश व नोटिस नगर निगम को करीब छह महीने पहले ही दिया था, जिस पर अब जाकर अमल किया गया है।

2006 में ही हुआ था आदेश

पर्यावरण मंत्रालय ने तो 2016 में वधशालाओं को इलाहाबाद के लिए खतरा बताया है। जबकि उत्तर प्रदेश पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 2006 में ही शहर के अंदर चल रहे स्लाटर हाउस से निकल रही गंदगी को शहर में ही फेंके जाने और निस्तारित करने पर इसे खतरा बताते हुए बंद करने का आदेश दिया था। लेकिन 2006 से अब तक नगर निगम स्लाटर हाउस से निकलने वाले अपशिष्टों को निस्तारित करने व स्लाटर हाउस को हाईटेक करने का इंतजाम नहीं कर सका है।

पर डे कटते हैं सैकड़ों पशु

शहर के अटाला, नैनी और रामबाग एरिया में वर्षो से स्लाटर हाउस चल रहे हैं। जहां पर प्रतिदिन सौ से भी कम पशुओं के वध का आदेश है, लेकिन यहां धड़ल्ले से प्रति दिन सैकड़ों पशुओं को मौत के घाट उतारा जाता है। नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार प्रति दिन करीब ढाई सौ से अधिक छोटे-बड़े पशुओं को काटा जाता है, जबकि हकीकत में इनकी संख्या कहीं ज्यादा है।

सीवर व नाली में बहता है ब्लड

वधशालाओं में पशुओं को मौत के घाट उतारे जाने के बाद निकलने वाले ब्लड को सीवर लाइन में या फिर नाले में बहा दिया जाता है। वहीं अन्य अपशिष्ट पदार्थो को भी सीवर लाइन में डाल दिया जाता है। जिसकी वजह से अटाला, रामबाग व नैनी के नाले हमेशा चोक रहते हैं। स्मार्ट सिटी बनने जा रहे इलाहाबाद में पर्यावरण प्रदूषण अधिक न होने पाए, इसको लेकर पर्यावरण मंत्रालय भी गंभीर है। जिसके लिए गोपनीय तरीके से विभागीय स्तर पर जांच कराई गई। जांच में वधशालाओं से निकलने वाली गंदगी को निस्तारित करने का इंतजाम न होने से प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा खतरा पाया गया। जिसके आधार पर पर्यावरण विभाग ने वधशालाओं को बंद करने का आदेश दिया।

वधशालाओं से निकलने वाली गंदगी से पर्यावरण को नुकसान न हो इसके लिए आधुनिक स्लाटर हाउस के निर्माण का प्रस्ताव पास हो चुका है। पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिल जाए तो प्रदूषण नहीं होगा और स्लाटर हाउस को बंद भी नहीं करना पड़ेगा। फिलहाल शासन के आदेश पर वधशालाओं को बंद करा दिया गया है।

धीरज गोयल

पशुधन अधिकारी, नगर निगम