सेहत के लिए अच्छी नींद है जरूरी

नींद न ली तो समय से पहले ही हो जाएंगे बूढ़े

आगरा। स्कूल लाइफ हो या कामकाजी सभी के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी होता है। बच्चों के लिए अच्छी नींद लेना बड़ों की अपेक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका दिमाग व शरीर अपरिपक्वअवस्था में होता है जो जल्दी प्रभावित हो जाता है। ठीक तरह से नींद पूरी न होने पर उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। सात घंटे की नींद का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। रविन्द्र सिंह भदौरिया के अनुसार बच्चों के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है और नींद का उनके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।

रात की नींद दिन में नहीं होती पूरी

कई बार स्टूडेंट रात को जागकर दिन में सोकर वे नींद पूरी करते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि रात की नींद ही सही मायने में शरीर व दिमाग को आराम देती है। अगर हम रात को न सोएं और पूरे दिन भी सोते रहें तब भी कोई फायदा नहीं होता है। अगर स्टूडेंट कभी-कभार ऐसा करते हैं तो नुकसान नहीं है। लेकिन यदि वे इसे रुटीन बना लेते हैं तब परेशानी बढ़ जाती है। इसलिए स्टूडेंट को चाहिए कि वे सही रूल बनाकर स्टडी करें। देर रात तक जागने की बजाए सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करें। यह उनके दिमाग व शरीर दोनों के लिए लाभदायक होगा।

फायदेमंद होगी दोपहर की झपकी

अक्सर ऐसा कहा जाता है कि दोपहर की एक झपकी बहुत फायदेमंद होती है। डॉ। मनोज के अनुसार एक झपकी थकावट को दूर करने के साथ ही हमें ताजगी का अहसास करवाती है। यह बात बिलकुल सही है। लेकिन बच्चों के लिए उसका समय एक घंटा होना चाहिए। अगर वे दिन में एक एक घंटे आराम करते हैं तो वे दोगुनी एनर्जी के साथ पढ़ाई कर पाएंगे। क्योंकि स्कूल, कोचिंग व खेलकूद में बेहतर प्रदर्शन के लिए अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।

नींद पूरी न होने पर बीमारियां!

अगर आप अपनी पूरी नींद नहीं करते हैं तो आपको कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।

डॉ। अरविंद सिंह के अनुसार नींद पूरी न करने पर आंखों में दर्द होना, सिर-दर्द व सिर में भारीपन होना, मानसिक थकान, भूख न लगना, कमर दर्द, काम में मन नहीं लगना, सिर भारी रहना व नींद आना, आंखों का सूज जाना, सुस्ती रहना जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

डॉ। शेलेन्द्र के अनुसार स्टूडेंट रात को देर तक जागकर पढ़ते हैं तो वे कुछ न कुछ खाते हैं। ऐसे में उनकी पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है। कम सोने के साथ ही ज्यादा सोना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ज्यादा सोने के नुकसान भी कम सोने जैसे ही हैं।

आधुनिक सुख-सुविधाओं के चलते अब लोगों की शारीरिक गतिविधियों का कम होना, खान-पान पर ध्यान न देना, सारे दिन बंद कमरों में बैठे रहना, अवसादग्रस्त रहना, मोटापा बढ़ना आर्थराइटिस, डायबिटीज जैसी बीमारियां, महिलाओं में हॉट फ्लेशेज (मेनोपॉज के समय हार्मोन में बदलाव की प्रक्रिया), पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना, नींद में चलने की बीमारी होना भी नींद की कमी के लिए जिम्मेदार है।

अच्छी नींद से बढ़ती है खूबसूरती

डॉ। अमित गौड़ के अनुसार कम सोने से मस्तिष्क के हाइपोथेलेमस में सक्रिय न्यूरॉन्स के एक समूह की कार्यशैली गड़बड़ा जाती है। यहीं पर ओरेक्सिन नामक हार्मोन भी सक्रिय होता है, जो खानपान संबंधी व्यवहार को नियंत्रित करता है। कम सोने से आपके कार्य की गुणवत्ता में कमी आ सकती है और यहां तक कि सोचने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है और कोई दुर्घटना भी घटित हो सकती है, जैसे गाड़ी चलाते समय नींद का झोंका आ सकता है।

अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों पर नींद को लेकर किए गए एक अध्ययन में कम नींद लेने वाले लोग अस्वस्थ, थके-थके, कम आकर्षक नजर आए, वहीं भरपूर नींद लेने वाले लोगों के परिणाम ठीक इसके उलट पाए गए। शोधों में यह बात सामने आई है कि पर्याप्त नींद लेने से लोग बेहतर काम कर पाते हैं, क्योंकि शरीर और मस्तिष्क दोनों को आराम की सख्त जरूरत होती है।

गहरी नींद से सोकर उठने पर आप स्वयं को तरोताजा तो महसूस करते ही हैं, साथ ही इससे एकाग्रता और याद्दाश्त भी बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक तंत्र भलीभांति काम करता है। आपकी उत्पादकता और संवेदनशीलता बढ़ाने तथा खूबसूरती को निखारने में भी पर्याप्त नींद की अहम भूमिका है।

अच्छी नींद के लिए उपाय

नियमित व्यायाम करें एवं सोने के तीन घंटे पूर्व ज्यादा थकाने वाला व्यायाम न करें।

अपनी दिनचर्या में सोने के लिए समय निर्धारित करें और उसे अमल में लाएं।

यदि आप दिन में झपकी लेते हैं तो कोशिश करें कि वह 20 से 30 मिनट की हो और दोपहर की शुरुआत में हो।

यदि सोने के समय आपको कोई विचार परेशान कर रहा है तो उसे कागज पर लिख लें और सुबह तक उसे भूलने की कोशिश करें।

दिन के तीन बजे के बाद कैफीनयुक्त पदार्थो का सेवन न करें।

सोने के पहले गरिष्ठ भोजन न करें और न ही भूखे पेट सोएं

काबोहाइड्रेट से भरपूर हल्का-फुल्का नाश्ता ले सकते हैं।

यदि आप धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें। निकोटीन का सेवन भी नींद में बाधक है। अल्कोहल लेना भी नींद खराब करता है।

यदि रात्रि में आपको बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होती है तो रात्रि के समय पेय पदार्थ लेने की मात्रा कम कर दें।