-शहर की ट्रैफिक समस्या बांट रही सांस की बीमारी

-गाडि़यों से निकलने वाला जहरीला धुआं बढ़ रहा परेशानी

VARANASI:

केस-क्

सिगरा के सुमित को रोज लगभग ख्0 किलोमीटर का सफर बाइक से तय करते हैं। उन्हें बार-बार जाम का सामना करना पड़ता है। कुछ दिनों पहले उन्हें सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगी। चेकअप कराया तो पता चला कि ट्रैफिक में जाम के दौरान गाडि़यों से निकलने वाले जहरीले धुएं का असर है।

केस-ख्

गोदौलिया पर ारजनीश की जनरल स्टोर की दुकान है। सुबह से लेकर रात तक घंटों दुकान पर बैठना पड़ता है। रोड से रेंगते गुजरने वाली सैकड़ों गाडि़यों का जहरीला धुआं सांस के साथ फेफड़े के अंदर दाखिल होता है। इसने अपना असर दिखाया और सांस का मरीज बना दिया। दुकान को इस तरह से बनवाना पड़ा की जहरीला धुआं उन तक कम पहुंच सके।

यह केस बताने के लिए काफी हैं कि शहर के ध्वस्त हो चुके ट्रैफिक अरेंजमेंट के चलते लगने वाला जाम शहर के लोगों को बीमारी बांट रहा है। इसका असर इतना गहरा है कि अधिक उम्र के लोगों से लेकर यंगस्टर्स तक इसकी चपेट में आ रहे हैं। उम्र भर की तकलीफ पा रहे हैं। शहर के प्रदूषण के चिंतित विशेषज्ञों की मानें तो जहर का असर तब तक नहीं जाएगा जब तक जाम की समस्या दूर नहीं होगी।

बहुत ज्यादा है लेवल

शहर के एयर पॉल्यूशन को लेकर सेंट्रल गवर्नमेंट परेशान है। पिछले दिनों पॉल्यूशन लेवल चेक करने वाली एक संस्था ने सिटी का सर्वे किया था। इसमें पता चला कि बनारस में एयर पॉल्यूशन लेवल काफी ऊपर है। इसमें सांस लेना सेहत के लिए नुकसानदेय है। बुजुर्ग और बच्चों के साथ ही अस्थमा पेशेंट्स के लिए खतरनाक है। पर्यावरणविद् प्रो। बीडी त्रिपाठी के मुताबिक बनारस की हवा दिनों दिन प्रदूषित हो रही है। गाडि़यों और जेनरेटर के धुएं, जगह-जगह चल रही खोदाई के कारण उड़ रही धूल लोगों को बीमार बना रही है। शहर में ग्रीनरी कम होने की वजह से परेशानी बढ़ती जा रही है।

हर पल घुट रहा है दम

- नियमों की अनदेखी बनारस में एयर पॉल्यूशन में इजाफा कर रही है

- आंकड़ों के मुताबिक शहर का एयर पॉल्यूशन लेवल क्00 से क्भ्0 माइक्रोबग्राम है जबकि यह म्0 से म्भ् माइक्रोबग्राम होना चाहिए

-नाइट्रोजन, सल्फर, कार्बन मोनो आक्साइड जैसे जहरीले तत्व मानक से कई गुना अधिक हैं

-पॉल्यूशन के लिए प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है

-वाहनों के फिटनेस की सही ढंग से जांच न होने से जहर उगलते शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं

-सांस के जरिए जहरीले तत्व लोगों की फेफड़े तक पहुंच रहे हैं

-एलर्जी जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा हर पल बढ़ता जा रहा है

-आस्थमा पेशेंट्स, वृद्ध और बच्चों के लिए परेशानी ज्यादा है

हमारी भी है जिम्मेदारी

- शहर में बढ़ रहे पॉल्यूशन को कम करने की जिम्मेदारी हमारी भी है

-कुछ तरीके अपनाकर हम पॉल्यूशन कुछ कम कर सकते हैं

- जाम या ट्रैफिक सिगनल पर रुके हैं तो गाड़ी बंद कर दें

- फिटनेस के लिए हर दो से तीन महीने पर अपनी गाड़ी की सर्विसिंग कराएं

-सर्विसिंग के दौरान गाड़ी का मोबिल जरूर बदलवा दें

-फ्यूल भरवाते वक्त ध्यान रखें कि वह मिलावटी न हो

-ग्रीनरी बढ़ाने से पॉल्यूशन को कम किया जा सकता है