इंडिया की क्राइम कैपिटल कही जाने वाली दिल्ली 31 जुलाई के लिये कमर कस रही है. मौका है ‘स्लटवाक परेड़-दिल्ली’ का. देश की राजधानी में यह परेड़ पहली बार होने जा रही है. तमाम अटकलों के बाद इस मार्च के लिये गवर्नमेंट पर्मीशन तो मिल गई है मगर इसका रूट चेंज कर दिया है. तैयारियों का आलम यह है कि स्लटमार्च के पहले आर्गनाइजर्स ने पूरे दिल्ली में कई मीटिंग्स, स्ट्रीट प्ले और डिस्कसन्श कराए हैं. इवेंट के पहले ही फेसबुक पर हजारों लोगों ने इसके लिये अपने आनलाइन रजिस्ट्रेशन कर रखे हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ने के लिये इसका नाम भी बदल कर ‘बेशर्मीमोर्चा’ कर दिया गया है.
स्लटवाक परेड़ यानि बेशर्मीमोर्चा टोरंटो के उस फेमस प्रोटेस्ट से इंस्पायर्ड है जिसमें वीमेन ने कम कपड़े पहन कर सड़कों पर परेड़ की थी. उनका मानना था कि वीमेन अपनी पसंद के कपड़े पहन सकती हैं. यह प्रोटेस्ट तब शुरू हुआ जब टोरंटो के एक पुलिस आफीसर ने अपने एक बयान में यह कह दिया कि अगर लड़कियां ढंग के कपड़े नहीं पहनेंगी तो उनके साथ बदतमीजी होगी ही.
इंडिया में पहले यह परेड़ 25 जून को होनी थी मगर बाद में कुछ वजहों से इसे टाल दिया गया. पिछले दिनों भोपाल में एक स्लटवाक हुई जो कि कोई खास पापुलैरिटी बटोर नहीं पाई. दिल्ली स्लटवाक को लेकर नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया ने कई स्टोरीज लिखीं है.
इससे पहले कनाडा, अमेरिका, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में स्लटवाक प्रोटेस्ट हुए हैं. लंदन में सैकड़ों लोगों ने इस मार्च में हिस्सा लिया. इस मार्च की एक झलक सिडनी में भी देखने को मिली. महिलाएँ रंग बिरंगी ड्रेसेस पहनकर आई थीं जिनमें से कुछ तो काफी ‘बोल्ड’ थीं. इंट्रस्टिंग बात यह है कि इस मार्च में मेल्स भी शामिल थे.
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