जरा नीचे दिए इन आंकड़ों पर नजर डालिए, हकीकत सामने आ जाएगी। एक छोटी सी रिक्वेस्ट है। इसे सिर्फ एक लिस्ट न समझिएगा। हर लाइन के पीछे एक डरावनी कहानी छिपी नजर आएगी आपको.

2011 के चर्चित मामले

जनवरी में रेप के प्रयास में असफल शोहदों ने घाटमपुर की सुशीला को कुएं में फेंका। सुशीला एक महीने तक अस्पताल में मौत से जूझती रही। जिंदगी तो बच गई मगर अब वो कभी अपने पैरों पर चल न सकेगी.

जनवरी में हरबंस मोहाल में राशनिंग ऑफिसर की बेटियों से छेडख़ानी। लड़कियां कोचिंग से जा रही थीं। शोहदों ने छेडख़ानी की और लखनऊ फाटक वाले चौराहे पर उनके कपड़े तक फाड़ डाले। शोहदों पर एनएसए तक लगा था.

जनवरी में गंगा बैराज पर बाइकर्स ने स्कूटी पर जाती बीएससी स्टूडेंट आकांक्षा का दुपट्टा खींचा। उसने बचने की कोशिश की तो स्कूटी पर टक्कर मार दी। स्कूटी स्किड हुई और आकांक्षा की वहींमौत हो गई। ये लडक़े आजतक नहींपकड़े गए.

मार्च में कल्याणपुर में इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने लड़कियों से छेडख़ानी की। आसपास के लोग सडक़ों पर उतर आए। लडक़े भी हॉस्टल से निकलकर इकट्ठा हो गए। दोनों तरफ से जबरदस्त पथराव हुआ.

अप्रैल में चकेरी में बदमाश घर के बाहर से एक लडक़ी को उठाकर ले गए। शाम के समय हुई इस सनसनीखेज घटना में बदमाश ने कुछ ही दूरी पर सडक़ पर लडक़ी से रेप किया। लडक़ी की जान बामुश्किल बची.

मई में शोहदों ने नौबस्ता में ट्यूशन से लौटती एक लडक़ी को रोक कर उसका मोबाइल नंबर मांगा। विरोध किया तो शोहदों ने लडक़ी का सिर फोड़ दिया.

मई में यशोदानगर में एक सिपाही की बेटियों को कॉलेज जाते समय छेड़ा गया। लगातार होने वाली इस हरकत पर उन्होंने मां से शिकायत की। मां ने विरोध किया तो दबंगों ने मां और बेटियों को सडक़ पर पीटा.

जून में बादशाहीनाका में शोहदों ने लडक़ी से छेड़छाड़ की। मामला इतना बढ़ा कि दो पक्ष आमने-सामने आ गए। पथराव और फायरिंग तक हुई। कई अफसर तक घायल हुए थे.