‘तुम मुझे मेरे कपड़ों की वजह से नहीं घूरते हो, बल्कि इसलिए देखते हो क्योंकि मैं एक लडक़ी हूं,’ इस मैसेज के साथ दिल्ली में रविवार को स्लटवॉक यानी बेशर्मी मोर्चे का आगाज हुआ. मोर्चे में हर उम्र और हर तबके के लोग शामिल हुए. सेक्सुअल वॉयलेंस के खिलाफ आवाज उठाने का जो सिलसिला टोरंटो से शुरू हुआ था वो जब भारत आया तो इसमें शामिल लोगों ने एक मैसेज दिया कि बस अब बहुत हो चुका. जो लोग लड़कियों की ड्रेसिंग सेंस को जिम्मेदार बताते हैं उन्हें चुप हो जाना चाहिए. भोपाल में इसका शांत आगाज हुआ था पर दिल्ली ने इसे एक नई ताकत दी.
Tight security के बीच मार्च
गर्मी और उमस के बावजूद लोगों की भीड़ ने इस मोर्चे को कमजोर नहीं होने दिया. सुबह 10:30 बजे शुरू होने वाला मोर्चा 11:15 मिनट पर शुरू हो सका और इस दौरान सिक्योरिटी के अरेंजमेंट्स भी काफी सख्त थे. यहां तक कि एक जगह पर पुलिस को मोर्चे को थोड़ी देर के लिए रोकना पड़ा. इसके बाद भी लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी. बेशर्मी मोर्चा की एक और ऑर्गनाइजर मिशिका सिंह के मुताबिक करीब 1000 से 1200 लोग इस इवेंट पर मौजूद थे. उनकी मानें तो यहां पर मौजूद लोगों की संख्या बताती है कि वाकई में अब दिल्ली जैसे शहर लड़कियों के लिए सिक्योर नहीं रह गए हैं.
Parents भी नहीं रहे पीछे
बेशर्मी मोर्चा में कॉलेज जाने वाली लड़कियों और प्रोफेशनल्स ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. इसके अलावा कई पैरेंट्स और ग्रैंड पैरेंट्स भी लड़कियों को सपोर्ट करने के लिए मौजूद थे. इवेंट ऑर्गनाइजर उमंग सब्बरवाल के मुताबिक जिस समय इस इवेंट के बारे में एनाउंस किया गया था कई लोगों ने उन्हें और उनके ग्रुप को कोसा. यहां पर पैरेंट्स और ग्रैंड पैरेंट्स ने उन्हें सही साबित कर दिया और इससे ज्यादा खुशी की बात कुछ और नहीं हो सकती है. इस इवेंट में फॉर्मर मिस इंडिया और सोशल एक्टिविस्ट नफीसा अली भी मौजूद रहीं.
दूर-दूर से आए लोग
दिल्ली से 35 किलोमीटर दूर मानेसर से इस इवेंट में भाग लेने आई हाउसवाइफ निष्ठा ने कहा कि मैं यहां इसलिए आई हूं ताकि मेरी बेटी को भविष्य में इस प्रकार के प्रदर्शनों में शामिल नहीं होना पड़े. अगर आज हमने प्रोटेस्ट नहीं किया तो फ्यूचर में उन्हें इसी तरह के वॉयलेंस, मिसबिहेव और डिफरेंसेज का सामना करना पड़ेगा. निष्ठा का मानना है कि प्राब्लम सोसायटी की मानसिकता में है. महिलाओं के लिए डबल स्टैंडड्र्स हैं. सिर्फ लड़कियों को सलीके से पहनने ओढऩे की नसीहत दी जाती है.
लडक़े सबसे ज्यादा
दिल्ली में हुए बेशर्मी मोर्चा में जो एक खास बात नजर आई वो थी इस इवेंट में लडक़ों की भागीदारी. लडक़ों ने आगे बढ़ कर इस इवेंट में हिस्सा लिया और इसके लिए तालियां भी बजाई. ये लडक़े अपने हाथ में बैनर और पोस्टर्स लिए हुए थे जिन पर ‘अब तो बोल’ जैसे मैसेजेस लिख हुए थे.
अब मुंबई की बारी
दिल्ली में हुई स्लटवॉक/बेशर्मी मोर्चा को मॉडल पूनम पांडे की भी तालियां मिली हैं. पूनम ने रविवार को ट्वीट किया और कहा कि वो दिल्ली की स्लटवॉक को अपना पूरा सपोर्ट देती हैं. पूनम ने इसके साथ ही मुंबई में होने वाली स्लटवॉक को लीड करने का ऐलान भी किया. पहले भोपाल और फिर दिल्ली के बाद सितंबर में मुंबई स्लटवॉक/बेशर्मी मोर्चा को होस्ट करेगी. मुंबई में होने वाले इस कैंपेन के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है.
Virtual word ने भी दिया support
दिल्ली में हुई स्लटवॉक को सक्सेजफुल बनाने में ट्विटर और फेसबुक के रोल को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इस कैंपेन को लांच करने के बाद फेसबुक पर एक कम्यूनिटी पेज बनाया गया और इसके बाद से पूरे कैंपेन को फेसबुक के जरिए से चलाया गया.
#slutwalk is the way to walk ... be true be you !! #cjaythoughts
Celina Jaitly
Full support to Slut Walk in Delhi! wish i was der at Delhi today for the #slutwalk. they r discussin frm long time to hav it. Indian version of slut walk in Delhi? Good move.
BeingJoyful
Thoughtful assessment of #Delhi’s quiet but important #Slutwalk
snolen
there were many men at #slutwalk which was a good thing (and by that I mean they were holding placards & supporting, not ogling)
twilightfairy
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