-संगम सभागार में हुई वर्कशॉप, दूसरे चरण में आएगा स्मार्ट सिटी का नंबर

-प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों को दिया जाएगा आधुनिक विश्वकर्मा उपाधि सम्मान

ALLAHABAD: यूपी के एक दर्जन स्मार्ट सिटीज में भूकंपरोधी मकान बनाए जाएंगे। इसमें इलाहाबाद भी शामिल है। पिछले दिनों आए भूकंप के बाद प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। जिसको लेकर डीएम संजय कुमार की अध्यक्षता में संगम सभागार में भूकंपरोधी भवन निर्माण एवं आधुनिक विश्वकर्मा अभियान विषयक कार्यशाला का आयोजन ग्लोबल एकेडमी ऑफ पब्लिक सेफ्टी एंड हैविटेशन मैनेजमेंट नई दिल्ली की ओर से किया गया। जिसमें राजमिस्त्रियों को भूकंपरोधी भवनों की आवश्यकता के बारे में बताया गया।

तैयार होगी मिस्त्रियों की लिस्ट

कार्यशाला में डीएम ने कहा कि भूकंप दुनिया की सबसे बड़ी आपदा है और इससे कई लोगों जान चली जाती है। इसका पूर्वानुमान भी नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए जरूरी है कि भूकंपरोधी मकान बनाए जाएं। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम जिले के सभी ब्लॉकों से आरंभ किया जाएगा और इसमें राजमिस्त्री, इंजीनियर, बिल्डर्स, लेबर सभी को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने डिप्टी लेबर कमिश्नर को सभी ब्लॉकों के मिस्त्रियों की लिस्ट बनाने तथा वहीं पर उनको प्रशिक्षित किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के निर्देशदिए।

साइट पर दिया जाए प्रशिक्षण

डीएम ने ग्लोबल एकेडमी व भूकंप वैज्ञानिक डॉ। चंदन घोष से आग्रह किया कि सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम कंस्ट्रक्शन साइट पर ही किए जाएं, ताकि राजमिस्त्रियों को प्रेक्टिकल का ज्ञान भी मिले। उन्होंने पहले बैच का प्रशिक्षण कार्यक्रम दो से तीन हफ्ते में आरंभ करने का आग्रह किया। उन्होंने इस अभियान में जिला प्रशासन से हरसंभव मदद और प्रशिक्षण का प्रचार-प्रसार करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कार्यशाला में आई हुई महिला राजमिस्त्री दुर्गादेवी को सम्मानित भी किया।

पावर पाइंट प्रजेंटेशन

ग्लोबल एकेडमी के सीईओ सौरभ गौतम ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम मिस्त्रियों को भूकंपरोधी मकान बनाने की तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के जोन चार में शामिल 31 शहरों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। दूसरे चरण में 12 स्मार्ट सिटी में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरे चरण में प्रथम चरण के चुनिंदा मिस्त्रियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। कार्यशालाएं तीन से पांच दिन की होगी और मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण छह से आठ सप्ताह का होगा। प्रशिक्षित मिस्त्रियों को आधुनिक विश्वकर्मा उपाधि का प्रमाणपत्र दिया जाएगा।