बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी ने ली पहली एडवाइजरी बैठक, बैठक में जुटे अधिकारी, नेता, व व्यापारी

11 मानकों पर जाना गया शहर का मौजूदा हाल, पार्षदों ने बैठक से किया किनारा

BAREILLY:

स्मार्ट सिटी की बुनियाद शहर की जनता से मिले बेहतर सुझावों पर रखी जाएगी। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए शहर की प्राथमिकताएं क्या हैं, ऐसे कौन से बिन्दु हैं, जहां सुधार की ज्यादा जरूरत है, जिन पर काम करके शहर के विकास को नया रूप दिया जा सके। इसी कवायद के चलते फ्राइडे को सिविल लाइंस स्थित एक होटल में स्मार्ट सिटी के लिए कंस्लटेंट एजेंसी ने बैठक बुलाई, जिसमें शहर के अलग-अलग वर्गो से आए जिम्मेदार लोगों को बुलाया गया था। पर हैरत कि बात यह रही कि जन प्रतिनिधि ही मीटिंग में नहीं आए।

सपा पार्षद नहीं बने स्मार्ट

सुबह 10 बजे से शुरू हुई बैठक में सरकारी विभागों के अफसरान, जनप्रतिनिधि, डॉक्टर्स, व्यापारी व चंद भाजपा पार्षद शामिल हुए। मेयर डॉ। आईएस तोमर, नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव और बीडीए सचिव गरिमा यादव समेत अहमदाबाद से आई कंसल्टेंट एजेंसी जिम्मेदार भी बैठक का हिस्सा बनें। लेकिन स्मार्ट सिटी के लिए सुझाव जुटाने को कराई गई बेहद अहम बैठक से 90 फीसदी पार्षद गायब रहे। करवाचौथ के चलते निगम सदन की सभी महिला पार्षद बैठक में शामिल नहंी हो सकी। वहीं सपा पार्षद भी बैठक का एक तरह से बहिष्कार करते दिखे। एक भी सपा पार्षद बैठक में नहीं पहुंचे। हालांकि आनन-फानन में करवाचौथ के दिन कराई गई इस बैठक की अधूरी तैयारियों से मेयर भी नाखुश दिखे।

11 मानकों पर पूछी राय

स्मार्ट सिटी पर ब्रीफ प्रजेंटेशन के बाद बैठक में शामिल जिम्मेदारों से 11 मानकों पर उनकी राय व वोटिंग मांगी गई। इन 11 मानकों का एक फॉर्मेट जिम्मेदारों को दिया गया। जिन पर निशान लगा कर उनकी क्वालिटी के हिसाब से रैंकिंग दी जानी थी। यह 11 मानक थे, नागरिक भागीदारी, अर्थव्यवस्था और रोजगार, स्वास्थ्य, पब्लिक ओपन स्पेस, ट्रांसपोर्टेशन, हाई स्पीड इंटरनेट व इंटेलीजेंट सरकारी सेवाएं, एनर्जी सप्लाई और एनर्जी के रिर्सोर्स, वॉटर मैनेजमेंट, स्वच्छता, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट। हर मानक के सामने 4 ऑप्शन दिए गए थे, जो मानक से जुड़ी मौजूदा स्थिति की तस्वीर दिखा रहे थे। बैठक में शामिल जिम्मेदारों को शहर में मानक की असलियत से जुड़े ऑप्शन पर निशान लगा के मौजूदा तस्वीर की हकीकत बयां करनी थी।