चाइल्ड प्लान

इस प्लान में इन्वेस्टमेंट करने से आपके बच्चे की शिक्षा आदि काफी हद बिना रुकावट के पूरी हो जाएगी। इसके अलावा इसमें किसी यात्रा के दौरान दुर्घटना, गम्भीर बीमारी, प्रीमियम की छूट आदि का लेने का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही इसमें दिए गए रूल्स के तहत इन्वेस्टमेंट करने पर चाइल्ड प्लान भी शर्तों के पालन की हर प्रक्रिया को अपनाएगा।

लंबी अवधि

बच्चों के लिए निवेश के लिए लंबी अवधि वाले प्लान बेहतर होते है। जब बच्चे समय के साथ बड़े होते हैं तो उनकी शादी और उच्च शिक्षा आदि के लिए जरूतर के समय तक काफी धन संचय हो जाता है। लंबी अवधि यानि की 10 साल या उससे अधिक के लिये निवेश करते हैं, तब आप फिक्स्ड रिटर्न वाली अन्य योजनाओं की तुलना में अधिक रिटर्न प्राप्त करने की उम्मीद होती है।

लॉक-इन अवधि

बच्चों के लिए बाजार में चल रहे चाइल्ड प्लान्स में आज कल लॉक इन अवधि का प्लान कॉफी पॉपुलर है। इस पीरियड में निवेश से पैसा निकलना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है। यह न्यूनतम समयाअवधि के लिये निवेश को सुनिश्चिति करता है। लॉक-इन अवधि में पारंपरिक योजनाओं में 2-3 साल या यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान में 5 साल के बाद ही पैसा निकल सकता है।

लिक्विड फंड

चाइल्ड प्लान लेते समय आपात स्थिति के लिये शॉर्ट टर्म फिक्सड डिपॉजिट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ये आपके बच्चे के लिए कभी भी किसी इस दौरान आपको एक छोटी राशि का निवेश करना होता है जिसे लिक्विड फंड कहते हैं। इससे भी आपके बच्चों की लाइफ कवरेज नियमित और भविष्य के खर्चों हेतु काफी सहूलियत मिलती है।

प्रीमियम भुगतान

इन्वेस्टमेंट करते समय यह जरूर देख ले कि मैनुअल प्रीमियम भुगतान के अलावा दूसरे भुगतान के विकल्प के है या नहीं। कई प्लान्स ऐसे हैं जिनमें ऑटो डेबिट सुविधा बिना किसी परेशानी के अपने बैंक खाते से नियमित रूप से प्रीमियम कटौती में सहायक होती है। स्टैंडिंग निर्देश द्वारा क्रेडिट कार्ड कम्पनी के जरिए भी प्रीमियम का भुगतान तय समय पर किया जा सकता है।

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