एंड्रायड वर्सेज आईओएस
यह लड़ाई है एंड्रायड वर्सेज आईओएस के बीच की। हालांकि टेक्नीकली देखा जाए तो दोनों में काफी विभिन्नताएं हैं। लेकिन इसके यूजर्स की पर्सनल च्वॉयेस पर नजर डालें तो यहां भी आपको बड़ा डिफरेंस दिखाई दे जाता है। एक एडल्ट वेबसाइट ने एंड्रायड और आईओएस यूजर्स द्वारा पोर्न साइट पर टाइम स्पेंड को लेकर कुछ आंकड़े निकाले हैं। जो साफ दर्शाते हैं कि किस तरह स्मार्टफोन कैटेगरी बदलते ही यूजर्स की पसंद नापसंद में बदल जाती है।
आईओएस यूजर्स को कार्टून पोर्न पसंद
रिपोर्ट का कहना है कि, आईओएस यूजर्स इन एडल्ट वेबसाइट पर तकरीबन 8 मिनट 40 सेकेंड का समय व्यतीत करते हैं। जबकि इनका पेज व्यूज 9.8 है। यह यूजर्स इन साइट्स पर मिलने वाली कामोत्तेजक चीजें और अन्य पोर्न वीडियोज को एंड्रायड यूजर्स के मुकाबले 66 परसेंट ज्यादा देखते हैं। आईओएस यूजर्स कार्टून थीम पर आधारित पोर्न देखना ज्यादा पसंद करते हैं।
एंड्रायड यूजर्स का कंटेंट अलग
अब अगर एंड्रायड यूजर्स की बात की जाए, तो इनका पेज विजिट टाइम 10 मिनट तक है जोकि आईओएस यूजर्स से ज्यादा है। वहीं पेज व्यू 10.9 है। एप्पल यूजर्स जब कोई कंटेंट सर्च करते हैं तो आमतौर पर वह कंफ्यूज रहते हैं। यानी कि कुल मिलाकर उनके पास सिर्फ एक या दो कीवर्ड ही होते हैं। जिसे वह बार-बार सर्च करते रहते हैं। वहीं दूयरी तरफ एंड्रायड यूजर्स पोर्न कंटेंट को लेकर काफी एक्टिव रहते हैं। ये यूजर्स जो देखना चाहते हैं वह कंटेंट किसी न किसी तरह से ढूंढ ही लेते हैं।
पोर्न साइट पर कितना शेयर
रिपोर्ट के आंकड़ों पर गौर करें, तो पोर्न वेबसाइट पर आने वाले मोबाइल ट्रैफिक में दोनों यूजर्स का शेयर लगभग बराबर ही है। जहां आईओएस यूजर्स का शेयर प्रतिशत 46 परसेंट है। तो वहीं 48 परसेंट एंड्रायड यूजर्स इन वेबसाइट्स को सर्च करते रहते हैं। यूनाइटेड स्टेट, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में आईओएस यूजर्स काफी संख्या में है। जबकि ब्राजील, अर्जेंटीना और इंडिया जैसे देशों में एंड्रायड स्मार्टफोन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।
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