सोशल मीडिया पर छायी
भले ही मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की औपचारिक शिक्षा को लेकर सवाल भी उठते रहे हों और मजाक भी बनते रहे हों। लेकिन बुधवार को लोकसभा में अपनी वाक कला से उन्होंने यह सुनिश्चित कर लिया कि कोई उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकता। लोग या तो उनके प्रशंसक होंगे या आलोचक। उनके आलोचक जहां उनके भाषण को 'ड्रामा' करार देने से नहीं चूके, वहीं ऋषि कपूर जैसे विख्यात सिने स्टार ने उन्हें 'फीमेल अमिताभ' करार दे दिया तो परेश रावल ने 'सुनामी'। जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके भाषण पर ट्वीट किया और कहा- सत्यमेव जयते।

पहले से निर्धारित थी योजना
बुधवार की रणनीति भाजपा ने पहले ही बना ली थी। उसी रणनीति के तहत स्मृति सुबह से ही पूरी तरह तैयार थीं। सुबह राज्य सभा में उन्होंने बसपा मुखिया मायावती को आक्रामकता के साथ जवाब दिया तो दोपहर बाद लोकसभा में लगभग एक घंटे के भाषण में कांग्र्रेस समेत दूसरे दलों को तथ्यों की धार से तार-तार कर दिया। उनके तेवर, उनकी भाव-भंगिमा, लहजा सब कुछ ऐसा था कि विपक्ष तिलमिला जाए और अन्य चुप्पी साधकर उन्हें बस देखते-सुनते रह जाएं। पीएम ने जहां उनके भाषण को ट्वीट किया वहीं सदन में मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भाषण को सदन और देश के लिए 'आई ओपनर' करार दिया। गौरतलब है कि स्मृति को उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में भी देखा जा रहा है।

Smriti Irani speaks in the Lok Sabha

तथ्य और तर्क का मिश्रण
खास बात यह है कि स्मृति के भाषण में भावनात्मक पुट तो था ही, लेकिन तथ्यों और धारदार तर्कों की भी बेलाग प्रचुरता थी। लोकसभा में हुई बहस में आवेश के साथ दोनों ही पक्षों से खूब कहा-सुनी हुई। हंगामा हुआ। तीखे आरोप-प्रत्यारोप भी हुए। मगर अंत में जवाब देने जब स्मृति ईरानी खड़ी हुईं तो सब कुछ ध्वस्त कर दिया। रोहित वेमुला से लेकर जेएनयू तक हर मुद्दे पर विपक्ष को निरुत्तर करके रख दिया। राजनीति के बड़े-बड़े दिग्गज न ही वाणी में और न ही तेवरों में स्मृति को रोक सके। यही कारण था कि भाषण खत्म होने के बाद सोशल मीडिया में हर तरफ स्मृति ईरानी की ही चर्चा थी।

inextlive from India News Desk

National News inextlive from India News Desk