तस्करी में बढ़ोतरी की आशंका

आगामी लोकसभा चुनाव के चलते जाली नोटों की तस्करी में और बढ़ोतरी होने की आशंका है. सूत्रों ने बताया कि राजस्व खुफिया विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि पाकिस्तान में छापी गई जाली भारतीय मुद्रा की तस्करी के लिए पड़ोसी देशों श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश के रास्तों का इस्तेमाल बढ़ रहा है.

भारत से बाहर पांच मामले दर्ज

राजस्व खुफिया महानिदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने अप्रैल 2013 से जनवरी 2014 के दौरान भारत से बाहर ऐसे पांच मामले दर्ज किए हैं और करीब 15 लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा बरामद की है. सूत्रों ने बताया कि डीआरआई और दूसरे देशों के अधिकारियों के संयुक्त अभियान के दौरान आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से तीन पाकिस्तानी नागरिक हैं.

पांच पाकिस्तानी सहित पांच लोग अरेस्ट

वर्ष 2012-13 के दौरान एफआईसीएन की तस्करी के आठ मामले दर्ज किए गए थे. इस दौरान पांच पाकिस्तानियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन मामलों में 6.35 लाख रुपये की जाली मुद्रा बराबद हुई. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, भारत में एफआईसीएन की तस्करी वियतनाम व मलेशिया के रास्ते भी हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि इन जाली नोटों को आसानी से पहचान पाना संभव नहीं होता है.

गरीब लोगों का होता है इस्तेमाल

एक सूत्र का कहना है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस तरह की खबरें हैं कि विदेशों से भारत में एफआईसीएन की तस्करी में इजाफा होगा. सूत्रों का कहना है कि एफआईसीएन की तस्करी के लिए तस्कर गरीब लोगों का इस्तेमाल करते हैं. उन्हें भारत में जाली मुद्रा पहुंचाने के लिए अच्छा खासा पैसा दिया जाता है. उन्होंने बताया कि डीआरआई के अधिकारियों ने अप्रैल, 2013 से जनवरी, 2014 के दौरान 11 मामले दर्ज किए हैं. इन मामलों में 96 लाख रुपये की जाली मुद्रा पकड़ी गई. एक नाबालिग सहित इन मामलों में कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

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