आगरा। शहर का सबसे बड़ा स्वास्थ्य केन्द्र एसएन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझेगा। हाल ही में हुए तबादलों से 17 डॉक्टरों के पद रिक्त हो गए है। जिनपर शासन की तरफ से किसी भी प्रकार की नियुक्तियों की घोषणा नहीं की गई है। एसएन में कई ऐसे विभाग है जहां महज एक डॉक्टर कार्यरत है। ऐसे में दूरदराज से आने वाले मरीजों के इलाज में असुविधाएं पैदा होंगी।

17 डॉक्टरों का हुआ है तबादला

राज्य सरकार ने आजमगढ़, बांदा, जालौन, सहारनपुर में नए मेडिकल कॉलेज खोले है। इन कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। जिसके लिए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसएन समेत आठ पुराने मेडिकल कॉलेजों से प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के तबादले किए है। जिसके अंर्तगत एसएन के तीन विभागों के विभागाध्यक्ष समेत 17 डॉक्टरों का तबादला किया गया है। जिससे डॉक्टरों में रोष व्याप्त है।

90 से अधिक हैं रिक्त पद

एसएन मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 250 चिकित्सा पद है। परंतु इन पदों पर महज 173 लोग ही एसएन की स्वास्थ्य सेवाएं एवं शिक्षा का जिम्मा संभाल रहे है। डॉक्टरों की कमी के चलते कई विभागों में इलाज प्रक्रिया भी देरी से चलती है। ऐसे में शासन ने 17 डॉक्टर चिकित्सकों का तबादला कर दिया है। जिसमें तीन विभागों के अध्यक्ष भी शामिल है। इन डॉक्टरों के स्थानांतरण से एसएन की स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो जाएंगी।

कई विभागों में न के बराबर है स्टाफ

एसएन मेडिकल कॉलेज में कई ऐसे विभाग है। जिसमें दो से तीन लोगों का स्टॉफ है। एसएन के कार्डियोलॉजी विभाग में, दंतरोग विभाग, मानसिक रोग विभाग, रेडियो डायग्नोसिस विभाग, त्वचा रोग विभाग में दो से तीन डॉक्टर चिकित्सकों का स्टाफ है। कई पद रिक्त पड़े हुए है जिनमें सालों से नियुक्तियां नहीं हुई है।

प्रतिदिन आता है 2500 से ज्यादा मरीज

एसएन मेडिकल कॉलेज में चलने वाली ओपीडी में हर रोज 2500 से ज्यादा मरीज आता है। जिनको देखने के लिए प्रत्येक दिन एक निर्धारित डॉक्टर की ड्यूटी रहती है। एक डॉक्टर 500 से अधिक मरीजों को देखता है। ऐसे में ओपीडी में आने वाले मरीजों को देखने पर भी असर पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

अल्ट्रासाउंड में मिलती है लंबी तारीख

ओपीडी में आने वाले मरीजों को जांच के लिए अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, सीटी स्कैन आदि जांचें लिखी जाती हैं। स्टाफ एवं टेक्निकल लोगों के पद रिक्त पड़े होने की वजह से मरीजों को लंबी तारीखें दी जाती है। अल्ट्रासाउंड की तो यह हालत है किसी भी मरीज को एक हफ्ते से पहले की तारीख नहीं मिलती है।

कमी पूरी करना होगी बड़ी चुनौती

एसएन मेडिकल कॉलेज में सीनियर चिकित्सकों का तबादला होने से सभी डॉक्टरों में रोष व्याप्त है अधिकतर डॉक्टर अपने स्थानान्तरण से खुश नहीं है। प्राचार्य ने शासन स्तर से हुए तबादलों को लेकर कहा कि स्थानांतरण से एसएन की स्वास्थ्य सेवाए प्रभावित होंगी। खाली जगहों को भरना एक चुनौती होगी।

इन विभागों पर पड़ेगा असर

एसएन मेडिकल कॉलेज के बर्न विभाग में सिर्फ एक डॉक्टर है। विभाग पहले से ही डॉक्टर की कमी से जूझ रहा है। इसके साथ ही मानसिक रोग विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ। विशाल सिन्हा के अलावा एक लेक्चरार डॉ। आशुतोष कुमार गुप्ता है। विशाल सिन्हा के जाने के बाद विभाग में महज एक सीनियर डॉक्टर रह जाएगा। वही दूसरी ओर माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में डॉ। अंकुर गोयल, डॉ। आरती अग्रवाल एवं डॉ। विकास कुमार गुप्ता कार्यरत है। विभागाध्यक्ष डॉ। अंकुर गोयल का तबादला किया जा चुका है। अब विभाग में दो सीनियर डॉक्टर रह जाएंगे। यहां सैकड़ों की तादाद में रोज मरीज जांच कराने आते हैं।