क्लिनिकल सैलून की पहचान बने घोंघा

कई लोग इसे खाते हैं, कई लोगों को इसे देखकर ही घृणा होती है. आप इनमें से किसी भी तरह के हों, इतना तो तय है कि अपने चेहरे पर आप इसे यूं ही चलने के लिए नहीं छोड़ सकते. अगर गलती से भी कभी यह चेहरे पर आ जाए, आप शायद चिल्ला ही पड़ें. इन दिनों यही घोंघा जापान के क्लिनिकल सैलून की पहचान बन गए हैं. यहां आजकल सुंदरता को निखारने के लिए घोंघा फेशियल या स्नेल फेशियल का उपयोग किया जा रहा है. शायद आपको फेशियल का नाम बड़ा अजीब लगे, पर इसका नाम इसके काम के आधार पर ही रखा गया है.

घूमता है चेहरे पर जिंदा स्नेल

स्नेल फेशियल में असली, जिंदा स्नेल या घोंघे को चेहरे पर घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है. इसके बाद घोंघे के बलगम से बना क्त्रीम लगाकर मसाज किया जाता है. कुल 60 मिनट के इस फेशियल को सेलिब्रिटी एस्कार्गोट कोर्स का नाम दिया गया है और इसका लाभ लेने के लिए आपको कम से कम 14 हजार रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं.जापान में ही नहीं केवल कोरिया में ही इस फेशियल की सुविधा उपलब्ध है.

खास तौर पर फेशियल के तैयार

आप शायद सोचें कि अगर ऐसा ही है तो आप भी खुद ही हिम्मत कर घोंघा पकड़ ले आएं और फेशियल कर लें. पर जनाब ऐसा नहीं है. ये घोंघे आम घोंघे नहीं हैं. इन्हें खास तौर पर इस फेशियल के लिए तैयार किया जाता है. चेहरे के जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदाथरें जैसे गाजर, खीरा आदि जो त्वचा के लिए खास तौर से उपयोगी माने जाते हैं, के साथ रखे जाते हैं.

त्वचा का सूजन भी करता है कम

फेशियल से पहले उन्हें अच्छी तरह धोकर साफ किया जाता है ताकि त्वचा में एलर्जी जैसी समस्या न हो. इसके बाद चेहरा धोकर चेहरे पर इन घोंघों को छोड़ दिया जाता है. सैलून के अधिकारियों का मानना है इस तरह घोंघों को पोषक तत्वों के साथ रखने से उनका बलगम प्रोटीन और एंटीऑक्सिडेंट्स और हैलुरोनिक एसिड से भरपूर होता है जो त्वचा को मॉस्चराइज करने के साथ इसकी सूजन कम करता है

डेड सेल करता है रिमूव

साथ ही मृत त्वचा को निकालकर त्वचा को निखारने में भी मदद करता है. पर जनाब, इस सबके लिए पैसों के बाद तो सबसे जरूरी है हिम्मत. अगर अपने चेहरे पर घोंघा को यूं ही घूमने छोड़ सकने की हिम्मत आपमें है तो यह ट्रीटमेंट आपके लिए ही है.

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