ऐसे हैं मिराज

मिराज अभी महज 19 साल के हैं। अभी तक इन्होंने दो मैच खेले और दोनों में इन्होंने कमाल कर दिया। महज इन दो मैचों में इन्होंने 19 विकेट चटकाने का रिकॉर्ड खड़ा कर दिया है। उससे भी बड़ा कमाल ये रहा कि उनके इस एक्शन से क्रिकेट की दुनिया की सबसे धुरंधर टीम इंग्लैंड भी घुटने टेकने को मजबूर हो गई। दोनों मैचों की बात करें तो पहले मैच में इन्होंने 7 विकेट लिए थे। इसके बाद दूसरे मैच में इन्होंने 12 विकेट लेते हुए कमाल दिखा दिया।  

दो मैचों में ही कर दिया नाम

महज दो मैचों से ही अपना नाम दुनिया भर में मशहूर करने वाले मिराज के परिवार के बारे में बात करें तो आप और भी ज्यादा चौंक जाएंगे। सबसे पहले जानते हैं इनके घर के बारे में। वह खुलना जिले में सिर्फ अपने माता-पिता के साथ दो कमरे वाले घर में रहते हैं। इससे भी बड़ी बात इनके परिवार की ये है कि इनके पिता एक टैक्सी ड्राइवर हैं।

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बांग्लादेशी पीएम ने दिया तोहफा

जैसे ही टीम इंडिया के इस क्रिकेटर के इंग्लैंड टीम को हराने की खबर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को मिली, वह तो जैसे उनपर मेहरबान ही हो गईं। खबर मिलते ही उन्होंने स्थानीय प्रशासन को मिराज के लिए एक अच्छा और लग्जीरियस घर बनवाने का आदेश दिया है। वहीं इस बारे में खुलना के डीएम नजमुल हसन कहते हैं कि पीएम के आदेश के बाद उन्होंने मिराज के लिए घर बनवाने की जगह ढूंढनी शुरू कर दी है। इसके अलावा बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी निजामुद्दीन चौधरी कहते हैं कि वाकई मेहंदी हसन मिराज की मदद करनी चाहिए। टीम इंग्लैंड को उन्होंने जिस तरह से हार का मुंह दिखाया है, वो वाकई काबिल-ए-तारीफ है।

मिराज से पहले गरीब परिवार से जुडे ये क्रिकेटर्स भी कर चुके हैं अपना नाम

1 . ऑलराउंडर इरफान पठान भी गरीबी में पले। इनके पिता बड़ौदा की मस्जिद की देखरेख किया करते थे। वे मस्जिद के छोटे से कमरे में अपने परिवार के पांच लोगों के साथ ही रहते थे। इरफान और युसुफ दोनों ही भाइयों को क्रिकेट का शौक बचपन से था। बड़ौदा की तरफ से खेलना शुरू करके, दोनों भाइयों ने टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया।

2 . क्रिकेटर उमेश यादव के पिता एक कोल माइन में काम करते थे। बड़ी मुश्किल से वह अपने घर का गुजारा कर पाते थे। उमेश ने करीब 19 वर्ष की उम्र में पहली बार लेदर बॉल से क्रिकेट खेली। इतनी ज्यादा उम्र में वास्तविक क्रिकेट की शुरुआत करने के बावजूद अपनी प्रतिभा के बल उन्होंने दो साल में ही टीम इंडिया में जगह बनाई।

3 . क्रिकेटर भुवनेश्वर कुमार मेरठ के एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे, उनके पिता ने उन्हें बहुत मुश्किलों से पाला। इसके बावजूद भुवी ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून के चलते अपना मुकाम हासिल किया।

4 . पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली भी बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। एक वक्त था जब वो मुंबई के एक चॉल में रहते थे। सचिन तेंडुलकर के साथ स्कूली क्रिकेट में रिकॉर्ड साझेदारी कर वे सुर्खियों में आए। इसके बाद सचिन और फिर कांबली ने टीम इंडिया में जगह बनाई।

5 . मोहम्मद शमी के पिता खेतों में काम करते थे, उनका बचपन गरीबी में बीता था। शमी ने गरीबी को कभी भी अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने दिया और क्रिकेट के प्रति अपने जोश और जुनून के चलते टीम इंडिया में जगह बनाई।

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