मीटिंग से पहले गेट पर हंगामा
सीनेट मीटिंग के पहले आजसू की ओर से मुख्यालय गेट पर कई डिमांड्स के साथ प्रदर्शन भी किया गया.हरीश कुमार के नेतृत्व में मुख्यालय के पास सभी मेंबरों ने घेराव भी किया.जिसमें इनके कई डिमांड्स शामिल हैं। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से पुलिस बल की भी व्यवस्था की गयी थी और सभी सीनेटर को सुरक्षा के साथ अंदर जाने दिया गया।

सीनेटर ने दिखाए तेवर
आरयू मुख्यालय में सैटरडे को मौलाना आजाद सीनेट हॉल में सीनेट की बैठक 11.30 बजे शुरू हुई.उसी समय सीनेट मेंबर प्रतुल शाहदेव व उनके साथ दो और लोग वीसी के सामनेवाली चेयर पर बैठ गये और हंगामा करने लगे.उनका कहना था कि स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन क्यों नहीं कराया गया? इस पर वीसी ने कोई जवाब नहीं दिया और सभी मेंबर जाकर अपनी सीट पर बैठ गए.इसी दौरान सीनेट मेंबर मिथिलेश और आरयू के वीसी डॉ। एलएन भगत में तीखी बहस भी हुई।

कॉलेज की समस्या पर चर्चा
आरयू के कॉलेजों की प्रॉब्लम को लेकर भी कई सवाल सामने आए.इसमें एक मेंबर ने कहा कि सर मैं एसएस मेमोरियल कॉलेज की बात आपके सामने रखना चाहता हूं.कॉलेज में बाथरूम तक नहीं है, जिसके कारण कॉलेज की लेडीज टीचर को रिलायंस फ्रेश का सहारा लेना पड़ता है.इसके जवाब में रजिस्ट्रार डॉ। अमर चौधरी ने कहा कि हमने कॉलेज को बाथरूम बनवाने के लिए पैसा दे दिया है.अब इसके बन जाने से कोई प्रॉŽलम नहीं होगी.वहीं वीसी ने कहा कि कॉलेजों में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए हमने प्राइवेट फर्म से भी बात की है.उनकी ओर से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.हमें बस एक प्रपोजल बनाकर भेजना है।

स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन हो
सीनेट में स्टूडेंट्स यूनियन इलेक्शन का मामला छाया रहा.सीनेट शुरू होने के बाद भी कई मेंबरों ने इसके लिए आवाज उठाई। रांची कॉलेज के प्रिंसिपल और सिंडिकेट सब-कमिटी के हेड डॉ। यूसी मेहता ने कहा कि हमारी तैयारी थी कि पूजा की छुट्टी के बाद इलेक्शन करा दिया जाएगा.लेकिन उसके बाद ऑटोनॉमस कॉलेजों में मिड टर्म एग्जाम चल रहा था। जिसके बाद इलेक्शन नहीं हो पाया.उसके बाद जब इलेक्शन की तैयारी हुई, तो इनका सेशन कम होने के कारण नहीं हो पाया.वहीं अब मेरा सुझाव है कि सभी कॉलेजों के प्रिंसिपल को आदेश दिया जाए कि वे जुलाई तक अपना एडमिशन प्रोसेस पूरा कर लें। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि अगर नेक्स्ट सीनेट में भी स्टूडेंट के प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ, तो ये उनके साथ अन्याय होगा.इस पर एक्स वीसी केके नाग ने कहा कि नियम के अनुसार इलेक्शन करवा लिया जाए।

फेसिमाइल का भी मामला आया
सीनेट में फेसिमाइल डिग्री का भी मामला सामने आया.जिसमें एक मेंबर ने कहा कि अगर डिग्री में प्रॉŽलम है, तो क्यों नहीं सबको फिर से डिग्री दे दी जा रही है? इस पर आरयू वीसी ने कहा कि फेसिमाइल डिग्री किसी भी तरीके से गलत नहीं है.अगर ऐसा है तो हमने जिस दिन पहली कंप्लेन आई थी, उसी दिन कहा  था कि अगर किसी स्टूडेंट को कोई प्रॉब्लम है, तो आकर हमें बताए। हम तुरंत उसकी डिग्री को फिर से देंगे।

फिर से बनेगी रिपोर्ट

रांची यूनिवर्सिटी में लास्ट सीनेट का आयोजन 12 अगस्त को किया गया था। इसमें पीजी टीआरएल में जो नौ रीजनल लैंग्वेज की पढ़ाई होती है, उसका अलग से डिपार्टमेंट बनाने के लिए कमिटी का गठन किया गया था.इस कमिटी की रिपोर्ट सैटरडे को सदन में पेश की गई.जिसमें बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ नौ सेपरेट डिपार्टमेंट बनाने की बात कही गयी थी.रिपोर्ट पेश करने के बाद इसमें कई प्रपोजल्स भी आए.जिसमें एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ। आरपीपी सिंह ने कहा कि क्यों न टीआरएल को दो पार्ट में कर दिया जाए.इसके बाद डॉ। मिथिलेश ने कहा कि सर यहां तो 32 जनजातियां हैं, तो केवल 9 का ही अलग से डिपार्टमेंट बनाने से क्या फायदा होगा? इस पर वीसी ने कहा कि तो क्या हम 32 डिपार्टमेंट बनाने का प्रस्वाव रखें.काफी बहस होने के बाद आखिर में ये डिसीजन हुआ कि अब कमिटी 12 से 14 सभी भाषाओं के डिपार्टमेंट बनाने के लिए फिर से रिपोर्ट पेश करेगी।
इसके बाद ही फैसला लिया जा सकेगा।

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