जाम से छुटकारा पाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने उठाया कदम

कैमरों में कैद होंगे ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले लोग

सोशल मीडिया पर डाला जाएगा नियम तोड़ने का फुटेज

Meerut। सड़क पर बेलगाम होकर वाहन दौड़ाने वाले हो जाएं सावधान, अगर किसी ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ने का प्रयास किया तो वह कैमरों में कैद हो जाएगा। उसका फुटेज सोशल मीडिया में फुटेज वायरल कर दिया। एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेई ने बताया कि जाम की समस्या से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है। शुरूआत में 25 डिजिटल वेब कैम की शासन से मांग कगई है।

होगी कार्रवाई

ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी का कहना है कि सबसे ज्यादा लोग सड़क पर ट्रैफिक के नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, जिसके चलते शहर के चौराहों पर जाम लग जाता है। अगर उन्हें ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर पकड़ा भी जाता है तो वह सड़क पर ट्रैफिक पुलिस पर वसूली करने का आरोप लगाते हुए हंगामा मचा देते हैं, जिससे बिना वजह बवाल होता है। अब कैमरों में नियम तोड़ने वाला सीधे कैद हो जाएगा। अगर उसने हंगामा मचाने का प्रयास किया तो उसकी नियम तोड़ने वाली वीडियो रिकार्डिग उसकी सोशल मीडिया पर वायरल करके आम पब्लिक को दिखाइर् जाएगी।

दस चौराहे चिह्नित

एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेई ने बताया कि शुरुआत में सबसे पहले बेगमपुल, रोडवेज, मेट्रो प्लाजा, जीरो माइल, तेजगढ़ी, हापुड़ अड्डा, कमिश्नर आवास चौराहा, रेलवे रोड, ईव्ज चौराहा, बच्चा पार्क पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए डिजिटल कैमरे की व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद अगर ट्रैफिक जाम में कुछ राहत मिली तो सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को डिजिटल कैमरे दिला दिए जाएगें।

30 ट्रेमों बाइक शहर को जाम मुक्त करने के लिए डेढ़ साल पहले खरीदी गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

30 महिला सिपाहियों को ट्रैफिक पुलिस में शामिल कर उन्हें एंजल पुलिस का नाम दिया गया। उन्हें एक-एक स्कूटी दी गई, लेकिन जाम की समस्या खत्म नहीं हुई।

2 क्रेन नो एंट्री में खड़े वाहनों को पुलिस लाइन तक पहुंचाने के लिए खरीदी गई। इसके बावजूद नो एंट्री में कई वाहन खड़े हो रहे हैं, जिससे जाम लग रहा है।

22 डिजिटल कैमरे शहर के मुख्य चौराहों पर लगाए गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आज तक किसी का डिजिटल कैमरों के जरिए चालान नहीं किया गया।

20 रूट ई-रिक्शा चालकों के लिए निर्धारित किए गए, ताकि शहर को जाम से छुटकारा मिले। लेकिन वह आज तक निर्धारित रूट लागू नहीं हो सका।

9 महीने पहले बीस लाख रुपये की लागत से पुलिस लाइन में ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनाया गया, जिसे शहर में लगे सभी डिजिटल कैमरों व गूगल से अटैच भी किया गया। दावा किया गया था कि अगर शहर में कहीं भी जाम लगेगा तो गूगल की सहायता से कंट्रोल रूम में पता चल जाएगा और जाम खुलवाने के लिए पुलिस तुरंत मौके पहुंच जाएगी।

2 सीओ, 3 इंस्पेक्टर शहर को जाम मुक्त करने के लिए शासन से मांगे गए थे। मांग पूरी होने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो सका।