- आर्मी अफसर की बेटी ने चुना सेवा का करियर

- हैल्थ मिनिस्ट्री की स्कीम के तहत नीरू करती हैं औषधालय का संचालन

DEHRADUN: दून की बेटी नीरू जोशी का परिवार आर्मी की सेवा से जुड़ा है। पिता आरके जोशी आर्मी से सूबेदार मेजर के पद से रिटायर हैं। कजिन आर्मी में भर्ती होकर भारत मां की सेवा कर रहे हैं। ऐसे में नीरू ने खुद के करियर के लिए जो क्षेत्र चुना वह जुदा है। लेकिन, वह अपने करियर से संतुष्ट है। ये बात अलग है कि उसने जो क्षेत्र चुना है उसमें चुनौतियां भी कम नहीं हैं। आर्मी ऑफिसर की बेटी होने के चलते नीरू को संघर्ष करते हुए आगे बढ़ने का संस्कार परिवार से मिला। नीरू बाकी लड़कियों के लिए प्रेरणा का भी काम कर रही हैं।

करियर के लिए की पढ़ाई

सूबे की राजधानी दून के अजब पुर एरिया की रहने वाली करीब ख्9 वर्षीय नीरू जोशी बचपन से ही कुछ ऐसा करना चाहती थी जिससे समाज के लोगों का जीवन बेहतर हो सके। इसी के मद्देनजर नीरू ने बी फार्मा का कोर्स करने का फैसला लिया और राजकीय पॉलिटेक्निक से फार्मासिस्ट की पढ़ाई कंप्लीट की।

नो लॉस नो प्रॉफिट औषधालय का संचालन

जनसेवा का सपना देखने वाली नीरू राजकीय देहरादून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अंदर जन औषधि केंद्र का संचालन करती हैं। इस औषधि केंद्र को भारत सरकार के औषधीय विभाग रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार संचालित किया जा रहा है। नीरू बताती हैं कि इस केंद्र के माध्यम से हर दिन सैकड़ों लोगों को नो लॉस नो प्रॉफिट के आधार पर विभिन्न बीमारियों की दवा उपलब्ध कराई जाती हैं।

चुनौतियां भी कम नहीं

नीरू ने जो राह चुनी वह आसान नहीं। नीरू बताती हैं कि हर दिन सैकड़ों लोगों को अटेंड करना पड़ता है। एक तरफ दवा कंपनियां तो दूसरी तरफ सीमित संसाधनों वाले मरीज। दोनों के बीच कड़ी का काम करने की जिम्मेदारी नीरू सकुशल संभाल रही हैं। इसके लिए सुबह से लेकर शाम तक तकरीबन सात-आठ घंटे की कड़ी मेहनत भी करनी पड़ रही है। लेकिन उनका काम जनसेवा से जुड़ा है इसलिए वे इस काम से संतुष्ट हैं। यही वजह है कि सुबह से शाम तक के कामकाज के दौरान नीरू के चेहरे पर मुस्कान ही दिखाई देती है।