- टीबी फोरम भी लेगी मरीजों को अवेयर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा

- फोरम की तिमाही बैठक में लिए गए कई अहम फैसले

ALLAHABAD: पोस्टर-बैनर से बहुत ज्यादा प्रचार हो चुका। टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अब अब सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। ताकि, युवाओं और बच्चों को भी जानलेवा बीमारी की जानकारी दी जा सके। टीबी फोरम की तिमाही बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इस दौरान इलाज बीच में छोड़ देने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जाहिर की गई। क्योंकि ऐसे मरीजों से दूसरों में भी संक्रमण का खतरा बना रहता है।

मरीजों के लिए भरपेट भोजन का इंतजाम जरूरी

टीबी के मरीजों को इलाज के लिए दवाएं सरकारी हॉस्पिटल में मिल जाती हैं, लेकिन भरपेट खाना नहीं मिलता। बिना पौष्टिक भोजन के टीबी की दवाएं नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। टीबी फोरम की बैठक में कहा गया कि बीमारी की चपेट में आई महिलाओं और बच्चों को बाल विकास परियोजना से जोड़कर उचित खानपान की व्यवस्था की जाएगी। कमला नेहरू हॉस्पिटल की डॉ। कविता अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा टीबी जागरुकता के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जाना बेहद जरूरी है। इससे बड़ी जनसंख्या खासकर युवाओं को आसानी से जागरूक किया जा सकता है।

ऐसे मरीजों को खोजना जरूरी

डॉ। सुनीत सिंह ने कहा कि ज्यादातर लोग लोग बीमारी के बीच में ही दवा बंद कर देते हैं जिससे यह लाइलाज हो जाती है। लापरवाही या उचित भोजन नहीं मिलने से बहुत से लोग दवा खाना बंद कर देते हैं। ऐसे मरीज खुद के साथ दूसरों में संक्रमण फैला सकते हैं। इनको खोजकर प्रॉपर इलाज देने की कोशिश की जानी चाहिए। सूबेदार सिंह ने कहा कि गांवों के साथ ही अब शहर में भी टीबी तेजी से अपने पांव पसार रही है। घनी बस्तियों में बीमारी फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। बैठक में यह तय किया कि बीमारी की चपेट में आई महिलाओं के साथ बच्चों को बाल विकास परियोजना से जोड़ा जाना बेहद जरूरी है। इस कार्य को आशा बहुएं और अक्षय मित्रों की मदद से सफल बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में श्याम बाबू, संकल्प सिंह, शहजाद अख्तर, चंद्रशेखर आदि मौजूद रहे।