-काशी विद्यापीठ में तीन दिवसीय चौथा इंडियन सोशल वर्क कांग्रेस इनॉगरेट

-'सामाजिक विकास व समाज कार्य व्यवसाय : मुद्दे व चुनौतियां' पर हुआ मंथन

VARANASI

सोशल वेलफेयर व डेवलपमेंट में समुचित मनोवृत्ति का आज अभाव है। ऐसे में विकास के लिए देशव्यापी समझ विकसित करने की आवश्यकता है। शनिवार को अंडमान निकोबार के समाज कल्याण व उद्योग विभाग की सचिव रश्मि सिंह ने बतौर चीफ गेस्ट महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित चौथे इंडियन सोशल वर्क कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में ये बातें कहीं। तीन दिवसीय नैप्सी (नेशनल एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल सोशल वर्क इन इंडिया) व सोशल वर्क डिपार्टमेंट के संयुक्त तत्वावधान में 'सामाजिक विकास व समाज कार्य व्यवसाय : मुद्दे व चुनौतियां' विषयक सेमिनार में उन्होंने कहा कि हम सार्वजनिक स्तर पर सोशल वर्क व वेलफेयर के क्षेत्र की छवि को और अधिक विकसित करें। क्योंकि हमारे प्रयास वांछित परिणामों में नही परिवर्तित हो पा रहे हैं।

समय के साथ चलें

मुख्य वक्ता सोशल वर्क डिपार्टमेंट, राजस्थान के प्रो। आरबीएस वर्मा ने समय के साथ स्वयं को ढालने पर बल दिया। अध्यक्षता करते हुए वीसी डॉ। पृथ्वीश नाग ने कहा कि समाज कार्य सिद्धांत व अभ्यास का उत्कृष्ट मिश्रण है जो कि समाजिक मुद्दों व चुनौतियों के समाधान में प्रभावी योगदान कर सकता है। विशिष्ट अतिथि सांसद अनुपम हाजरा, नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया के कार्यकारी निदेशक अमिताभ बेहर सहित अन्य लोगों ने भी विचार व्यक्त किया। नैप्सी के सचिव प्रो। सुरेश पठारे ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। स्वागत सह संचालक प्रो। आरपी द्विवेदी, संचालन डॉ। निमिषा गुप्ता व धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ। बंशीधर पांडेय ने किया।