जल्दी ही जमशेदपुरआईट्स नजदीक से घूमते-फिरते, इठलाते हिरणों को देखेंगे। इसके लिए टेल्को स्थित थीम पार्क को रिलीफ सेंटर के रूप में डेवलप किया जा रहा है। इसका नाम दिया गया है ‘सॉफ्ट रिलीफ सेंटर’। इसके लिए वहां एक स्पेशन इनक्लोजर भी बनाया जाएगा। इस संबंध में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को प्रोपोजल भी भेज दिया गया है।

ताकि नहीं लगे birth पर लगाम
इंफॉर्मेशन के मुताबिक स्टेट के सभी जूलॉजिकल पाक्र्स में हिरण की बढ़ती संख्या को कंट्रोल करने के लिए वासेकटोमी व ट्यूब्कटोमी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की यह प्लानिंग है कि इनकी बढ़ती संख्या पर रोक नहीं लगे और जहां भी इनकी संख्या ज्यादा है वहां से इन्हें थीम पार्क में बनने वाले सॉफ्ट रिलीफ सेंटर में रखा जा सके।

मिलेगा natural environment
हिरणों को सॉफ्ट रिलीफ सेंटर में रखने का एक मकसद यह है कि यहां उन्हें फॉरेस्ट जैसा एन्वायरमेंट मिले। डीएफओ एटी मिश्रा कहते हैैं कि कुछ समय तक इन्हें यहां रखने और अपने नेचुरल माहौल में ढलने के बाद इन्हें वापस फॉरेस्ट में छोड़ा जाएगा, ताकि वे अपनी नॉर्मल लाइफ स्पेंड कर सकें।

30 हेक्टेयर में बनेगा
सॉफ्ट रिलीफ सेंटर 30 हेक्टेयर में बनेगा। एटी मिश्रा ने कहा कि थीम पार्क में पहले से हुई फेंसिंग को और ऊंचा किया जाएगा। इसके साथ ही एक दूसरी बाउंड्री वॉल भी कंस्ट्रक्ट कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि   जल्दी ही इसके कंस्ट्रक्शन का काम भी स्टार्ट होगा।

मिलेगा tourism को बढ़ावा
फॉरेस्ट ऑफिसियल्स का मानना है कि थीम पार्क के इस तरह से डेवलप हो जाने का बड़ा फायदा सिटी को मिलेगा। एक तो यह चीफ मिनिस्टर के आवास के पास स्थित है और दूसरा सिटी से सटे होने के कारण यहां काफी टूरिस्ट्स भी आएंगे।

State में हैं 7 Zoological Parks
झारखंड में 7 जूलॉजिकल पाक्र्स हैं, जिनमें डियर इनक्लोजर्स हैैं। टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में फिलहाल 30 हिरण है। इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती थी, लेकिन बर्थ कंट्रोल मेजर्स के जरिए इसपर रोक लगाई गई है।


फिलहाल दलमा, पालकोट और दूसरे नेशनल पाक्र्स से डियर्स को थीम पार्क में बनने वाले सॉफ्ट रिलीफ सेंटर में लाया जाएगा। इस दिशा में स्टेट के प्राइवेट जू से भी बात की जाएगी, ताकि वहां भी अगर हिरणों की संख्या ज्यादा हो, तो उसे यहां शिफ्ट किया जा सके।
एटी मिश्रा, डीएफओ