पता चलेगा फ्यूचर

एडम साडिलेक और जॉन क्रुम ह्यूमन मोबिलिटी को चेक करने के लिए एक फॉर्मुला बनाना चहते थे जिससे यह पता लगाया जा सके कि कोई इंसान फ्यूचर में कहां और किस कंडीशन में होगा. तभी उनके दिमाग में  ‘फार आउट’ डेवलप करने का प्लान बना. इसी के चलते इन्होंने सीटेल में 703 वालंटियर्स को जीपीएस डिवाइसेज दीं और इन डिवाइसेज को वर्किंग टाइम, शांपिंग टाइम, ट्रैवलिंग के टाइम या फिर कोई और काम करते टाइम हमेशा अपने पास रखने के लिए बोला. रिसर्चर्स ने जीपीएस डिवाइसेज को बसों में, कारों में, और कई ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स में भी लगा दिया, जो कि वालंटियर्स द्वारा डेली यूज किए जाते थे.

150 मिलियन लोकेशंस

एक्सपेरीमेंट्स के दौरान साडिलेक और क्रुम ने जीपीएस डेटा की हेल्प से 150 मिलियंस लोकेशन और 32,000 दिनों का डाटा रिकॉर्ड किया. फिर इस डेटा को फार आउट कंप्यूटर प्रोग्राम में फीड कर हर सब्जेक्ट पर लांग टर्म हयूमन मोबिलिटी को प्रिडिक्ट किया. ‘फार आउट’ अपने आप ही प्रिडिक्शंस देने के साथ साथ एडॉप्ट भी कर लेता है.

रिसचर्स के मुताबिक, जैसे कि फार आउट मंगलवार और गुरुवार को एक जैसा नोटिस करता है और इसी तरह वीक को भी. तब हम फ्यूचर के मंगलवार या गुरूवार के बारे में जानना चहते हैं तो एल्गोरिद््म मंगलवार या गुरूवार को प्रिडिक्शन के तौर पर शो करेगा. यदि कोई शार्प ट्राजीशन जैसे एक सिटी से दूसरे सिटी में जाना, तो प्रिडिक्शंस और एक्चुअल डेटा के बीच में नये पैटर्न को अडॉप्ट करने का अंतर आएगा.

फ्यूचर में होगा ज्यादा यूज

रिर्सचर्स का मानना है कि इस सॉफ्टवेयर का सेशल यूज ज्यादा होगा. इसके अलावा इस सॉफ्टवेयर को एडवरटाईजर्स और मार्केटर्स भी आने वाले टाइम में यूज करेंगे. उनको यह भी आशा है कि इसके रिजल्ट्स फ्यूचर में रिसर्च और एप्लीकेशंस के लिए नया रास्ता खोलेंगे. इससे ब्रॉडबैंड डिमांड्स, ट्रैफिक प्रॉब्लम्स, किसी महामारी का फैलना और पॉपुलेशन ग्रोथ को भी प्रिडिक्ट किया जा सकेगा.

How does ‘Far out’ work?

  • Using GPS systems carried by volunteers and fitted to the transport they used on a daily basis, the researchers were able to plot around 150 million location points.
  • Furthermore, over 32,000 days worth of precise GPS data was collected.
  • This information was fed into the Far Out software which uses an algorithm to predict where a person will be in the future, based on where they‘ve been in the past.
  • It does this by accurately ‘learning‘ a person‘s routine.
  • Far Out then offers predictions but can also automatically discover when someone veers from this routine.
  • The program will plot these changes, learn from them, and adapt accordingly.
  • Researchers believe the results could be used to predict rises in populations, the spread of disease, traffic and broadband demand to quote a number of the researchers examples.