BAREILLY:

स्टेडियम रोड स्थित द्वारिकेश कॉलोनी निवासी प्रेम प्रकाश गंगवार बरेली के पहले बिजली डोनर बन गए हैं। बिजली कटौती से इतने तंग हुए कि न सिर्फ सोलर पैनल लगा कर अपना घर-आंगन रोशन कर रहे हैं बल्कि, बिजली विभाग को भी बिजली बेच रहे हैं। प्रेम प्रकाश को सोलर पैनल लगाने की प्रेरणा पीएम नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के कांसेप्ट से मिली। इनका यह प्रयास बाकी बरेलियंस के लिए भी एक नजीर बन गया है।

 

बिजली कटौती से तंग आकर लगा सोलर पैनल

प्रेम प्रकाश गंगवार ने अपने घर पर 11 सोलर पैनल का सिस्टम लगाया है। 5 किलोवॉट क्षमता वाले सोलर पैनल से रोजाना 35 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। यह सिस्टम ऑनलाइन मोड में लगा हुआ है। यानि इसके लिए बैटरी की आवश्यकता नहीं है, जितनी बिजली इस्तेमाल होने के बाद बचती है, वह पावर ग्रिड को चली जाती है। प्रेम प्रकाश ने बताया कि रोजाना 5 यूनिट बिजली की खपत उनके घर पर है। बाकी 30 यूनिट बिजली दोहना पावर ग्रिड को चली जाती हैं। बिजली विभाग उनहें 2.60 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब पैसे देता है.

 

मिली 70 हजार की  सब्सिडी

सोलर पैनल लगा कर प्रेम प्रकाश का परिवार काफी राहत महसूस कर रहा है। क्योंकि, बरेली में बिजली कटौती का जो हाल है वह किसी से छिपा नहीं है। 11 पैनल का सोलर सिस्टम लगाने में टोटल 4.50 लाख पड़ा हैं। इनमें से 70 हजार की सब्सिडी प्रेम प्रकाश को मिली है। जीएसटी और नोएडा से सेटअप मंगाने सहित अन्य खर्च को जोड़ दिया जाए तो सोलर पैनल लगाने में एक्चुअल खर्च 4.10 लाख रुपए का आया है।

 

कैसे करता है वर्क

एनर्जी के आदान-प्रदान नेट मीटर के जरिए होता है। जिसका रिकॉर्ड नेट मीटर में ऑटोमेटिक फीड होता रहता है। यह सारा वर्क फोटो वोल्टाइट सेल टेक्नोलॉजी के जरिए होता है, जिसके माध्यम से एनर्जी ग्रिड में वापस जाती है।

 

सोलर सिस्टम काफी अच्छी चीज है। मैंने 11 पैनल का सोलर सिस्टम लगाया है। जिससे 35 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस्तेमाल होने के बाद जो भी बिजली बचती है उसे दोहना पावर ग्रिड को बेच देता हूं।

प्रेम प्रकाश गंगवार, द्वारिकेश कॉलोनी

 

प्रदेश सरकार भी इससे लेकर प्रयासरत हैं, ताकि भविष्य में एनर्जी को लेकर किसी को प्रॉब्लम्स न हो। पब्लिक सोलर सिस्टम मार्केट या नेडा के माध्यम से लगवा सकते हैं।

पीए मोगा, नोडल अधिकारी, बिजली विभाग