इस मामले में पुलिस ने आरोपी नाना फिरोज खान, उसका सहयोग करने वाली अस्पताल की नर्स सुनीता, गुरप्रीत सिंह और इरफान को अरेस्ट कर लिया. इनसे पूछताछ में बच्चा बिक्री के तार एक बड़े गिरोह से जुड़ते नजर आ रहे हैं, जो फेसबुक के जरिए पूरे गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था.

एडीसीपी नरेश शर्मा ने बताया कि फेसबुक पर बच्चे की फोटो डाल दी गई और लिखा गया कि यह बच्चा खरीद सकते हैं. इस पर दिल्ली के एक कारोबारी दंपति ने बच्चे को आठ लाख रुपए में खरीद लिया. जांच के मुताबिक, मूल रूप से शाहनाज गांव (जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश) की रहने वाली युवती नूरी का निकाह तीन दिसंबर, 2011 को शहजाद के साथ हुआ था.

वह पति के साथ छह माह रही. फिर उससे तलाक ले लिया. उस समय वह प्रेगनेंट थी. उसके बाद वह लुधियाना के इकबालगंज में पिता फिरोज खान के साथ रहने लगी. उसने नौ अप्रैल को हॉस्िपटल में लड़के को जन्म दिया. 10 अप्रैल को पिता फिरोज ने अपने नाती को नर्स की मदद से 45 हजार में बेच दिया.

बाद में यह बच्चा साढ़े तीन लाख में गुरुप्रीत सिंह ने खरीद लिया. उसने बच्चे के बेचने के बारे में फेसबुक पर जानकारी डाल दी, जिसे पढ़ दिल्ली के बिजनेसमैन ने उससे कांटैक्ट किया और आठ लाख बोली लगा दी. बरामद बच्चे को पीलिया होने पर उसे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में एडमिट कराया गया. वहां बच्चे को खरीदने वाले को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया.

National News inextlive from India News Desk