- सफेद हाथी साबित हो रहा है शिवरी में बना सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट

LUCKNOW: पब्लिक की सुविधा के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट चालू किया गया था। शहर के कूड़े के निस्तारण के लिए प्लांट की चार यूनिट चलाई जानी थी। वर्ष 2012 से लेकर अब तक प्लांट चालू नहीं हो सका। मेसर्स ज्योति इंवयारोटेक प्रा। लि। ने तीसरी यूनिट शुरू करने का आश्वासन दिया था। चौथी यूनिट 3 मई तक शुरू होने की बात कही गई थी। ट्रांसफर स्टेशन मल्लापुर और ग्वारी पर बिजली कनेक्शन लिये जाने 10 मई तक का टाइम दिया गया है।

ड्रीम प्रोजेक्ट

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 1996 में 9 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने रिपोर्ट दी थी कि एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट बनाया जाए। 1999 में नगर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम बनाया गया और जेएनआरयूएम योजना के तहत दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में प्लांट लगाने की योजना बनाई गई। यूपी में कुल सात शहर इस ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हुए थे।

फैक्ट फाइल

- 2011 मई में शिवरी में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी।

- 2012 में शिवरी में 38 हेक्टेयर जमीन मिलने के बाद प्रोजेक्ट ने जमीनी स्तर पर शुरू हुआ

- 31 जनवरी 2016 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू हो सका।

क्या आवश्यकता थी प्रोजेक्ट की

2010 में शहर के कई इलाकों में संक्रामक बीमारी फैलने पर कूड़े का डोर टू डोर कलेक्शन का निर्देश दिया गया था। शहर में हर रोज 15 सौ टन कूड़ा निकलता है। कूड़ा को कहां ले जाया जाए इस मुद्दे को लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाने की जरूरत पड़ी। प्लांट में 1250 टन कूड़े के निस्तारण की क्षमता है। इसके चार यूनिट है। हालांकि फिलहाल दो यूनिट चल रही है।

कितना काम शुरू हो सका

- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में चार यूनिट है हालांकि अभी तक मात्र दो यूनिट ही चालू हो सके

- प्लांट की क्षमता 1250 टन कूड़ा निस्तारण का है, लेकिन अभी मात्र 6 सौ टन ही कूड़े का निस्तारण हो रहा है।

- कई बार प्लांट बंद भी हो चुका है और इसे लेकर हर बार हंगामा बवाल होता रहा है

प्लांट को बनाने में कितनी कास्ट आई

- 2012 में प्लांट को बनाने में 74 करोड़ का डीपीआर दिया गया था। जिसमें 42.90 करोड़ राज्य सरकार द्वारा और 24 करोड़ प्राइवेट कंपनी को देना था।

- टाइम बढ़ने पर प्लांट की कॉस्ट बढ़ गई थी और दोबारा डीपीआर में कास्ट 96 करोड़ कर दी गई थी। जिसमें 52 करोड़ राज्य सरकार और 44 करोड़ प्लांट चलाने वाली कंपनी को देना था।

प्लांट चालू करने के लिए तारीख पर तारीख

चार साल में करोड़ रुपये खर्च के बाद अभी तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट सुचारू रूप से नहीं चल रहा। हर बार प्लांट को लेकर नगर निगम सवालों के घेरे में खड़ा रहता है। चार साल में बिना कूड़ा निस्तारण के ही 562 रुपये से बढ़ा कर 1604 रुपये टिपिंग चार्ज (कूड़े का प्रति मिलिट्री टन निस्तारण) का खर्च ज्योति इंवायरोटेक कंपनी वसूल रही है। प्लांट सुचारू रुप से चालू करने के लिए हर बार तारीख पर तारीख मिलती रही।

पब्लिक की सुविधा के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया गया था। प्लांट सुचारू रुप से नहीं चल पा रहा है। शहर में कई जगह कूड़े का उठान तक नहीं हो रहा है। उसके बाद भी टिपिंग चार्ज बढ़ाने के लिए निर्देश जारी किये गये थे। कई बार प्लांट चालू कराने के लिए एक्शन प्लान बनाया गया हालांकि अभी तक प्लांट कूड़ा निस्तारण के लिए पूरी तरह सफल नहीं है।

- डॉ। दिनेश शर्मा, मेयर

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के चौथे यूनिट को चालू करने का निर्देश दिया गया था। 3 मई तक चौथा यूनिट चालू होना था। इसके अलावा 10 मई तक ट्रांसफॉर्मर कनेक्शन लेने के भी निर्देश दिये गये थे। समय समय पर चेकिंग कर प्लांट की व्यवस्था का निरीक्षण किया जाता है। अभी प्लांट पूरी तरह काम नहीं कर पा रहा है।

-उदय राज सिंह, नगर आयुक्त