हालत हो रही बदतर

सिटी में हर रोज 280 से लेकर 300 टन तक सॉलिड वेस्ट प्रोड्यूस होता है. खासकर नन-कंपनी एरियाज में तो जगह-जगह पर जंक पाइल का दिखना आम बात है. सबसे बड़े और पॉपुलेटेड नन-कंपनी एरियाज माने जाने वाले मानगो के डिमना एरिया में कई जगहों पर कूड़े का ऐसा अंबार है कि आने-जाने वालों का पास से गुजरना दूभर हो जाता है, लेकिन इस बात को लेकर न तो प्रशासन के कान में जूं रेंगता और न ही आम पब्लिक को ही अपनी रिस्पांसिबिलिटी का एहसास है.

स्टार्ट नहीं हो सकेगा project

कछुए की चाल से चल रहे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान में कोई भी इंप्रूवमेंट नहीं दिखाई दे रहा. अगर करेंट स्टेटस पर गौर करें, तो इस साल इस प्रोजेक्ट के स्टार्ट होने के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे. हालांकि सॉलिड वेस्ट के रिसाइकलिंग के लिए जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत यूनियन अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री की ओर से 36 करोड़ रुपए सैंक्शन किये गए हैं. इसके लिए जुलाई में जमशेदपुर नोटीफाइड एरिया कमिटी, जेएनएसी की ओर से टेंडर भी पास किया गया था. जिसमें बताया गया था कि सैनिटेशन में 1000 लोगों का क्लीनिंग स्टाफ भी इंगेज्ड रहेगा और ये लोग आदित्यपुर, जुगसलाई और मानगो एरिया में जाकर चार लाख लोगों से डोर टू डोर सॉलिड वेस्ट कलेक्ट करेंगे, लेकिन न तो अभी तक इन लोगों का अप्वाइंटमेंट हुआ है और न ही वेस्ट कलेक्शन के लिए कोई अरेंजमेंट ही किये गए हैं. इतना ही नहीं अलग-अलग तरह के वेस्ट के कलेक्शन के लिए तीन कलर की वकेट्स डिस्ट्रीब्यूट करने की बात कही गई थी. पर अब तक ये बकेट्स परचेज भी नहीं की गई हैं.

परचेज हुए equipments

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान के तहत हाल ही में जेएनएसी द्वारा एक जेसीबी, एक हाइवा और करीब 4 छोटा हाथी लोडर परचेज किये गए हैं. लेकिन जब तक लोगों को अप्वाइंट नहीं किया जाएगा तब तक इन इक्विपमेंट्स को परचेज करने का बेनेफिट ही क्या? लोगों की क्राइसिस के चलते ये इक्विपमेंट्स पड़े-पड़े बेकार हो रहे हैं.

जेएनएसी के सैनिटरी ऑफिसर जे कुजूर ने बताया कि वेट की डिकंपोजिंग के लिए हाल ही में मोहरदा में कुछ लैंड परचेज की गई है. यहां पर वेस्ट के डिकंपोजिंग के लिए एक यार्ड बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि खैरबनी में बन रहा प्रोजेक्ट भी इस वक्त रुका हुआ है. यहां अब तक बनाई गई बाउंड्री वॉल में कुछ प्रॉब्लम थी, इसलिए इसे तोड़ नई बाउंड्री वॉल बनाई जानी है.

अभी तक वेस्ट कलेक्शन का काम स्टार्ट नहीं हुआ है. वेस्ट की डीकंपोजिंग के लिए मोहरदा में कुछ लैंड परचेज की गई है. जहां डंपिंग यार्ड बनाया जाएगा.

-जे कुजूर, सैनिटरी ऑफिसर, जेएनएसी

Report by : jamshedpur@inext.co.in