देश में है परिवारवाद का बोल बाला
आज के दौर में गौर से देखा जाए तो भारत में राजनीति भी एक तरह का पैतृक व्यवसाय बन गया है। नेता का बेटा तो नेता बनता ही है, परिवारवाद के बढ़ते प्रभाव के चलते घर के और रिश्त नातेदार भी इस क्षेत्र में उतर आते हैं। इस फलते फूलते व्यवसाय में अब रिश्तों की डोर इस कदर उलझ गयी है कि याद रखना कठिन है कि कौन किसका क्या है। इसीलिए हम आपके लिए लाये हैं कुछ सवाल इन्हीं राजनीतिक घरानों से जुड़ और आपको इनके बारे में हमें बताना है।
Interesting News inextlive from Interesting News Desk
Interesting News inextlive from Interesting News Desk