- बैंकों ने अपने करेंसी चेस्ट से रीफिल कराये एटीएम

- बुधवार को भी आरबीआई से नहीं हो पाई नोटों की सप्लाई

LUCKNOW

बीते तीन दिनों से एटीएम में पड़ा 'सूखा' आखिरकार बुधवार को कुछ कम हुआ। कैश की कमी से जूझ रहे लोगों की आपत्ति के बाद बैंकों ने एटीएम में कैश रीफिल कराने का काम शुरू किया। बावजूद इसके राजधानी के 60 फीसदी एटीएम से कैश नहीं निकल सका। बैंक अधिकारियों की मानें तो जो पैसा उनके बैंकों के करेंसी चेस्ट में मौजूद है, उसी से काम चलाया जा रहा है। जबकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तमाम दावों के विपरीत बुधवार को भी नोटों की सप्लाई नहीं हो सकी।

प्रमुख जगहों के एटीएम से निकला कैश

राजधानी में वर्तमान में विभिन्न बैंकों के करीब एक हजार एटीएम लगे हुए हैं। रविवार से एटीएम में शुरू हुए कैश संकट के बाद शुरू हुए हंगामे के बाद बुधवार को विभिन्न बैंकों ने अपने करेंसी चेस्ट से चुनिंदा एटीएम में रकम रीफिल करानी शुरू की। बैंकों की यह कार्यवाही राजधानी के प्रमुख जगहों तक ही सीमित रही। नतीजतन, हजरतगंज, कपूरथला, पत्रकारपुरम, ई ब्लॉक राजाजीपुरम, भूतनाथ मार्केट इंदिरानगर स्थित एटीएम में लोगों को एटीएम से कैश मिल सका। वहीं, बाकी इलाकों में स्थित 60 परसेंट एटीएम से लोगों को निराश ही लौटना पड़ा।

तमाम एटीएम में लटके रहे ताले

कैश की किल्लत से तंग आकर बैंकों ने कई एटीएम के शटर गिराकर ताले ही जड़ दिये। बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम हालात का जायजा लेने निकली तो नदवा कॉलेज के करीब लगे एचडीएसी बैंक का एटीएम का शटर बंद मिला। इसी तरह गोमतीनगर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम में भी ताला जड़ा मिला। मंडी परिषद स्थित सेंट्रल बैंक और जवाहर भवन के पीछे स्थित भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम का शटर भी बंद मिला। लालबाग स्थित नगर निगम और आलमबाग के चंदरनगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम के शटर में भी ताले लटके मिले।

कैश की किल्लत बड़ी साजिश का संकेत

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैश की किल्लत पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि एटीएम में नोट न होना किसी बड़ी साजिश का संकेत है। यह आशंका भी जताई कि कहीं केंद्र के इशारे पर नोटों की जमाखोरी तो नहीं हो रही है? अगर नोटों की जमाखोरी हो रही है तो सरकार क्या कर रही है? अखिलेश ने कहा कि कैशलेस अर्थव्यवस्था की वकालत करने वाली केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि नोट छपवाने का कागज विदेश से मंगाया जाता है। जब पर्याप्त संख्या में नोट छपे तो वह गायब कहां हो गए। यह अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र भी हो सकता है। पिछले साल नोटबंदी से किसानों और गरीबों का बहुत नुकसान हुआ। समाज का हर वर्ग इस फैसले से परेशान है। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के प्रति केंद्र और प्रदेश की सरकार उदासीन है।

सपा साजिशकर्ता पार्टी

अखिलेश के बयान के कुछ ही देर बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश योगी-मोदी फोबिया से ग्रस्त हैं। वह सरकार के विकास और सुशासन से घबराकर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा का दूसरा नाम ही साजिशकर्ता पार्टी है। जमाखोरी के मामले में इनकी पार्टी और नेता उस्ताद रहे हैं। नोटबंदी से सपा, बसपा और कांग्रेस को ही सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी थी, क्योंकि उन्होंने नोटों की जमाखोरी की थी। देश के कुछ हिस्सों में नकदी की मांग बढ़ने पर यह दल साजिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एटीएम में रुपये की किल्लत को संज्ञान में लिया है और जल्द ही इसे दूर करने का भरोसा दिया है।

एटीएम में रुपये पहुंचाने के सख्त निर्देश

प्रदेश के विभिन्न जिलों के एटीएम में कैश संकट से लोगों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम में रकम पहुंचाने के सख्त निर्देश दिए हैं। रिजर्व बैंक खुद इसकी मॉनीटरिंग कर रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश के कुल करीब 17 हजार बैंक शाखाओं, 30 हजार से अधिक बैंक मित्रों और 19 हजार से अधिक एटीएम को लगातार आपूर्ति के कड़े निर्देश दिए हैं।

शासन ने लिया संज्ञान

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार को शासन ने इस समस्या का संज्ञान लिया और शासन के प्रतिनिधियों व रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच इस मामले पर विस्तृत विमर्श के बाद स्थिति पूरी तरह सामान्य पाई गई है। बताया गया कि रिजर्व बैंक के कानपुर व लखनऊ कार्यालयों से हाल ही में प्रदेश के बैंकों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है। बैंकों द्वारा भी बताया गया है कि उनकी सभी शाखाओं में पर्याप्त कैश उपलब्ध है और एटीएम के लिए आपूर्ति की जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि रिजर्व बैंक द्वारा सभी बैंकों के एटीएम में करेंसी पहुंचाने के लिए निरंतर समीक्षा की जा रही है। शासन ने भी बैंकों में कैश उपलब्धता पूरी तरह सामान्य होने का दावा किया है। भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक व एचडीएफसी बैंक समेत अन्य प्रमुख बैंकों में पर्याप्त कैश उपलब्धता की पुष्टि भी की गई।