चौराहे और उसके आसपास की हर activity को watch कर सकेंगे थाने में बैठे कर्मचारी

योजना जमीन पर आने लगी है तो आने वाले दिनों में इसका असर भी दिखने की उम्मींद तो की ही जा सकती है। कॉमन पब्लिक उम्मींद तो कर ही सकती है कि चौराहे पर होने वाली हर एक्टिविटी उसके पास होगी। यह डिटेल भी उसके पास होगा कि घटना के बाद किस चौराहे से कौन सी गाड़ी पास हुई है जो सस्पेक्टेड है। यह संभव होगा सिटी के सभी प्रमुख चौराहों पर एक बार फिर सीसीटीवी कैमरे लग जाने के बाद। इसके लिए बजट जारी हो चुका है और शाहगंज से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। वैसे सिविल लाइंस के भी कई चौराहों की निगरानी होने लगी है।

क्या है पुलिस विभाग का मकसद

पापुलेशन और बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर हर स्थान पर पुलिस को तैनात करना पॉसिबल नहीं है। इसीलिए पुलिस को ऐसे उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं जो उसके लिए मददगार हों। इसी सिरीज में सिटी के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। क्राइम कंट्रोल के साथ ही दंगे, उपद्रव, प्रदर्शन के दौरान तोडफ़ोड़ से निबटने के लिए पुलिस यह हथकंडा अपनाने जा रही है ताकि उसके पास फुलप्रूव एवीडेंस हो और सामने वाला संदेह का लाभ न पा सके। यह इरादा डीजीपी भी पिछले दिनों इलाहाबाद के दौरे के दौरान जता चुका है। इसके मद्देनजर पुलिस हेडक्वार्टर ने फंड जारी कर दिया है। यह व्यवस्था केवल इलाहाबाद ही नहीं बल्कि स्टेट के सभी डिस्ट्रिक्ट के लिए लागू की जा रही है।

करोड़ों का फंड रिलीज

शहरों के मेन चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के लिए पुलिस हेडक्वार्टर ने 10.44 करोड़ रुपए का फंड रिलीज किया है। इसमें स्टेट के बड़े डिस्ट्रिक्ट को दस लाख, बी ग्रेड डिस्ट्रिक्ट को सात और छोटे डिस्ट्रिक्ट को पांच लाख रुपए जारी किया गया है। प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट के मेन चौराहों पर खंभों की ऊंचाई पर ये कैमरे फिट किए जाएंगे। साथ ही हेड क्वार्टर ने यह भी कहा है कि जरूरत पडऩे पर इससे अधिक फंड भी दिया जा सकता है। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट को इंफॉर्मेशन देनी होगी।

नहीं बचेंगे कानून हाथ में लेने वाले

यह कदम हाल के वर्षों में हुए दंगों, क्राइम की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने और ट्रैफिक रूल्स फॉलो न करने वालों के साथ जुलूस निकालने, चक्काजाम के दौरान उपद्रव और तोडफ़ोड़ करने वालों पर लगाम कसने के लिए उठाया जा रहा है। कई मामलों में क्रिमिनल्स सरेराह वारदात को अंजाम देकर निकल जाते हैं और पुलिस ताकती रह जाती है। एवीडेंस के अभाव में उनके खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हो पाती। ऐसे में यह कैमरे 24 ऑवर्स चौराहें पर चल रही गतिविधियों और यहां से गुजरने वालों पर निगाह रखेंगे। कैमरों के संचालन के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर एक कमेटी बनाई जाएगी। सीसीटीवी कैमरे का एक मॉडल इलाहाबाद में तैयार करा लिया गया है, जिसका कंट्रोल रूम शाहगंज थाने में बनाया गया है।

क्या होगी खास बात

सभी कैमरों की मॉनीटरिंग कंट्रोल रूम के जरिए की जाएगी। यहां पर बैठकर चौराहों पर चल रही प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। जरूरत पडऩे पर इनकी वीडियो रिकॉर्डिंग का भी यूज किया जा सकेगा। बता दें कि अभी तक स्टेट में केवल गाजियाबाद और नोएडा में ही यह इम्पार्टेंट सिस्टम रन कर रहा था। जिसका पॉजिटिव रिस्पांस आने के बाद पुलिस हेडक्वार्टर ने इसे पूरे स्टेट में लागू करने की प्लानिंग कर ली है। इसे पुलिस मार्डनाइजेशन की दिशा की ओर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

एक नजर चौराहों की सीसीटीवी पर

-इलाहाबाद सिटी में करीब तीन साल पहले 15 चौराहों पर लगाए गए थे सीसीटीवी कैमरे

-हाइ कोर्ट की सुरक्षा चौकस करने के क्रम में इन्हें हाइ कोर्ट कैंपस में शिफ्ट कर दिया गया।

-दोबारा बजट जारी हुआ तो फिर से लगे चौराहों पर कैमरे

-कुंभ के दौरान इन्हें फिर से हटाकर कुंभ मेला एरिया में शिफ्ट कर दिया गया

-इलाहाबाद में हाइटेक कंट्रोल रूम बनाने को मिल चुकी है मंजूरी, चल रहा है काम

-सभी चौराहों पर सीसीटीवी लग जाने के बाद सभी कंट्रोल रूम से हो जाएंगे कनेक्ट

-फिलहाल थानों में बैठे पुलिसकर्मी देखते हैं फुटेज

-शाहगंज एरिया में लग चुका है नए बजट से प्रस्तावित सीसीटीवी कैमरा