आईआईटी कानपुर से एक खुफिया कैमरे का इस्तेमाल करके कोई आप पर नजर रख रहा है। ये सुनकर आपका चौंकना स्वाभाविक है। लेकिन आप परेशान न होइए, इससे आपका कुछ बुरा नहीं होने वाला है। दरअसल, आईआईटी कानपुर की एयर स्ट्रिप पर आईआरडीई (इंस्ट्रूमेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट) देहरादून में डेवलप किए गए एक स्पाई कैमरे की टेस्टिंग की जा रही है। ये कैमरा चार किमी की सर्कुलर रेंज में होने वाली हर एक्टिवटी पर नजर रखे हुए है। ये स्पाई कैमरा एयरोस्टेट नाम के एक फ्लाइंग बैलून पर फिट है जो कि एक किमी से ज्यादा की हाइट पर फ्लाई कर रहा है। एयरोस्टेट को एडीआरडीई (एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट) आगरा में डेवलप किया गया है। इसकी मॉनीटरिंग इन दोनों इंस्टीट्यूट्स की टीमें, आईआईटियंस के साथ मिलकर कर रही हैं। टेस्टिंग कम्प्लीट होने के बाद इसे इंडियन आम्र्ड फोर्सेस यूज करेंगी और दुश्मन की हर हरकत पर पैनी नजर रख सकेंगी। वहीं, इसका यूज ट्रैफिक मैनेजमेंट की फील्ड में भी किए जाने की संभावना है।

 प्रोजेक्ट आकाशदीप है नाम

एडीआरडीई आगरा में इस प्रोजेक्ट को, जिसमें एयरोस्टेट को स्पाई कैमरे के लिए खास तौर पर डिजायन किया जाना शामिल है, ‘प्रोजेक्ट आकाशदीप’ नाम दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर के पॉल ने बताया एयरोस्टेट को 20 नवंबर को इंस्टीट्यूट की एयरस्ट्रिप पर बांध कर आसमान में छोड़ दिया गया है। इस बार इसमें आईआरडीई देहरादून के कैमरे की टेस्टिंग की जा रही है। यह कैमरा डे और नाइट, पूरी तरह से नजर रखता है।  

रात में भी करता है पहचान

इस कैमरे की खास बात ये है कि रात में भी इसकी रिकॉर्डिंग एकदम साफ आती है। चार किमी की रेंज तक ये किसी भी ऑब्जेक्ट को पूरी तरह से पहचान लेता है। रात में ठीक से काम करने के लिए इसमें थर्मल इमेजिंग टेक्नोलॉजी का यूज किया गया है। टीम से मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल दो दिन में जो रिजल्ट आए हैं वो काफी अच्छे रहे हैैं।

डेवलप करने में 20 करोड़ खर्च

स्पाई कैमरे के इस प्रोजेक्ट के मैनेजर पुनीत गुप्ता ने बताया कि इसका ट्रायल 6 दिन तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रक्षा, ट्रैफिक सहित ही डिजास्टर मैनजमेंट में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसकी कॉस्ट करीब 20 करोड़ रुपए आई है। इसकी टेस्टिंग में 30 मेंबर्स की टीम डेरा डाले हुुए हैैं। आईआईटी एयरो स्पेस डिपार्टमेंट के प्रो। एके घोष की मॉनीटरिंग में इसकी टेस्टिंग की जा रही है। आईआईटी स्टूडेंट्स भी इस ट्रायल पर बारीकी से नजर रखे हुए हैैं।

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कैसा है एयरोस्टेट

एयरोस्टेट एक फ्लाइंग बैलून है जिसकी लंबाई 35 मीटर है और 12 मीटर का एयरो-डायनामिक्स शेप है। एक किमी की हाइट तक ये 200 किलो का पेलोड ले जाने में सक्षम है। इसमें हीलियम गैस का यूज किया जा रहा है। इसके पहले भी ईयर 2012 में इस एयरोस्टेट का ट्रायल इंस्टीट्यूट के एयरो स्पेस डिपार्टमेंट की हेल्प से किया गया था।