दाल में कुछ काला है

दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री और सर्तकता विभाग के मंत्री की गद्दी संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली एसीबी में नए चीफ की नियुक्ति किया जाना एक अत्यंत गंभीर संकेत देता है। यह बताता है कि जरूर दाल में कुछ तो काला है वरना पद के बिना नियुक्ति क्यों की गई है। सिसोदिया ने याद दिलाते हुए कहा कि यह देखा जाना जरूरी है कि दिल्ली सरकार ने जैसे ही सीएनजी फिटनेस मामले में जांच के आदेश दिए हैं इसके तुरंत बाद दिल्ली एसीबी के चीफ की नियुक्ति हुई है। उन्होंने कहा कि सीबीआई रिपोर्ट में एलजी साहब का नाम है और वो उसे ही मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में तो एसीबी दिल्ली सरकार के हाथ से बाहर निकल गई है।

गैरकानूनी है भर्ती का तरीका

भर्ती को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि जब एसीबी में ज्वॉइंट कमिश्नर का कोई पद ही नहीं तो इस पद पर कोई नियुक्त कैसे हो सकता है। यही नहीं इस बारे में उनसे या दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की गई। इसके साथ ही डायरेक्टर विजिलेंस से भी कोई बातचीत नहीं हुई है तो यह नियुक्ति कानूनी कैसे हो सकती है।

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