- दस घंटे के अंदर ही पटना पुलिस ने शिवम को आरा से किया बरामद

- न्यू पटना क्लब के पास से किया था अपहरण, दो करोड़ की मांगी थी फिरौती

- तीन टीम ने एक साथ की जांच, शहर में लगे कैमरे की हेल्प से पहचानी गयी गाड़ी

<- दस घंटे के अंदर ही पटना पुलिस ने शिवम को आरा से किया बरामद

- न्यू पटना क्लब के पास से किया था अपहरण, दो करोड़ की मांगी थी फिरौती

- तीन टीम ने एक साथ की जांच, शहर में लगे कैमरे की हेल्प से पहचानी गयी गाड़ी

PATNA (8 Feb) : patna@inext.co.in

PATNA (8 Feb) : कांट्रैक्टर मोहन खंडेलवाल की गलती व लापरवाही के कारण उनके इकलौते बेटे शिवम खंडेलवाल का किडनैप हो गया। वो तो पटना पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई, वरना दो करोड़ भी जाता और शिवम की जान भी। पटना पुलिस ने जब इस पूरे मामले का खुलासा किया, तो चौंकाने वाली चीजें सामने आई। एक बात जो सामने आया, वो यह कि जिस ड्राइवर और उसकी पत्‍‌नी का नाम इस अपहरण में सामने आया है, वह मोहन खंडेलवाल के खासमखास थे। ड्राइवर गिरिश पाठक को निकालने के बाद दुबारा उसे अपने यहां रखा और उसकी पत्‍‌नी अनामिका को अपने होटल में रिसेप्शनिस्ट बनाकर रखे हुए थे। यही नहीं, इन दोनों की डिटेल और पुलिस वेरिफिकेशन तक इन्होंने नहीं की। बिजनेसमैन मोहन खंडेलवाल ने बताया कि ड्राइवर मनमर्जी का था, इसलिए उसे एक बार निकाल चुका था। फिर दुबारा उसे अपने यहां दस दिन पहले रखा और बेटे को उसी के साथ न्यू पटना क्लब भेजता था, जहां वो टेनिस खेला करता था।

पति-पत्‍‌नी के प्लान को सीआरपीएफ ने किया पूरा

ड्राइवर गिरीश कुमार पाठक और उसकी पत्‍‌नी अनामिका इस पूरे अपहरण में मास्टर प्लान की भूमिका में थे। इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए इनके करीबी सीआरपीएफ जवान अभिषेक सिंह और उसी के गांव का प्रदीप कुमार पाठक जो कि बेंगलुरु में टूरिज्म डिपार्टमेंट में काम करता है, ने साथ दिया। ये दोनों अभी पटना पुलिस की गिरफ्त में हैं। इन लोगों ने पटना पुलिस के पास खुलासा किया कि किस तरह इनके फैमिली की रेकी की जाती थी। आने-जाने वालों पर नजर रखा जाता था। लास्टली बेटे को टारगेट बनाया गया और न्यू पटना क्लब के पास से उठाने का प्लान बनाया गया।

जब तक शिवम उतरता तब तक किडनैपर्स चढ़ गए

भूतनाथ रोड स्थित संत जोसेफ हाई स्कूल से आने के बाद क्फ् वर्षीय शिवम अपने ड्राइवर गिरीश कुमार के साथ जैसे ही न्यू पटना क्लब के पास पहुंचा, ड्राइवर ने गाड़ी धीमी कर दी। जब तक शिवम उतरने की कोशिश कर रहा था, तब तक दोनों अपहरणकत्र्ता अंदर घुस गए और गन प्वाइंट पर शिवम को ले लिया। फिर गाड़ी न्यू पटना क्लब से गाड़ी तेज रफ्तार में आगे निकलने लगी, जो आरा के पीरो के पास जाकर रुकी।

अंदर की एक्टिविटी नहीं, पर गाड़ी हाे रही कैद

साढ़े चार बजे की इस घटना के बाद जब अपहरणकर्ता शिवम को लेकर शहर के व्यस्तम एरिया से होकर निकल रहा था। उस समय उसकी गाड़ी की नंबरिंग कैमरे में कैद हो रही थी। पटना पुलिस ने अपने कैमरे को खंगालना शुरू किया और सारी एक्टिविटी का मिनटों में पता कर लिया। इसके बाद जांच में जुड़ी टीम फौरन शहर को सील कर आरा की तरफ निकली और पंचमुखिया के पास से बच्चे को सकुशल बरामद कर ि1लया गया।

पहले समोसा खिलाया, फिर फोन पर बात करवायी

दहशत के दस घंटे को शिवम ने अपनी जुबां से दस मिनट में ही बोल दिया। उसने बताया कि उसे बोलने के लिए मना किया, फिर मारने की धमकी दी। रात में समोसा खिलाया और फिर पापा से फोन पर बात करवायी, तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं होगा सब ठीक हो जाएगा। उसने बताया कि जब उसे गाड़ी नहीं दे रहा था, तब लगा कि इन लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया है। गन प्वाइंट पर वो मुझे रखा हुआ था। आईजी, सीनियर एसपी, एसपी ने एक साथ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि अपहरणकर्ताओं ने इनसे दो बजे तक दो करोड़ देने की बात कही थी, लेकिन दो बजे से पहले ही दोनों अपराधी पटना पुलिस की गिरफ्त में आ गए। बाकी दोनों की बरामदगी के लिए छापेमारी की जा रही है। शिवम के पिता कांट्रैक्टर मोहन खंडेलवाल ने भी पटना पुलिस की तारीफ की।

पटना पुलिस ने दिखायी पूरी मुस्तैदी

सूचना मिलते ही फौरन सीनियर एसपी मनु महाराज ने सिटी एसपी जयंतकांत के नेतृत्व में टीम बनायी और टीम मेंबर्स ने एक साथ कई प्वाइंट पर काम करना शुरू कर दिया। टीम के कुछ मेंबर उस घटनास्थल से लेकर फैमिली वालों रिलेटिव्स और आने-जाने वालों से बातचीत करने में जुट गए। दूसरी टीम कैमरे की ट्रेकिंग से गाड़ी के एरिया को खंगालने लगी, लास्ट विजुअल तक को ट्रेक कर लिया गया, जिसके बाद जिस नंबर से फिरौती की रकम मांगी गयी थी वो कर्नाटका का सिम था। उसकी ट्रेकिंग कर लोकेशन लिया जाने लगा। एक साथ टीम ने दस घंटे के अंदर दो अपहरणकर्ता सहित शिवम खंडेलवाल की बरामदगी कर ली।

हिंगौरा अपहरण कांड होने से बच गया

गुजरात के व्यवसायी हिंगौरा के बेटे का अपहरण और उसकी बरामदगी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि मोहन खंडेलवाल के बेटे के अपहरण का मामला सामने आ गया। कोतवाली थाने में इसका मामला दर्ज करवाया गया और पटना पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए दस घंटे में हिंगौरा कांड की तरह होने से बचा लिया।

सबक सीखने की जरूरत

- अपने ड्राइवर और नौकर की पूरी जानकारी रखें।

- उसके नेटिव घर का भी पता रखें।

- लोकल थाने को भी इसकी सूचना दें।

- घर और आसपास क्लोज सर्किट कैमरा लगा कर रखें।

- बच्चों को अकेले ड्राइवर के साथ न भेजें।

- बच्चे कहां गए हैं, रेगुलर फोन पर उसके टच में रहें।

- एक बार निकालने के बाद दुबारा कर्मियों को न रखें।