-मोबाइल लूट में साथियों संग पुलिस ने दबोचा

-कैंट एरिया में वारदात को अंजाम दे रहे थे बदमाश

रुस्तमपुर में चल रही थी चेकिंग
शहर में ताबड़तोड़ मोबाइल लूट की वारदातें हो रही थीं। पीडि़तों की सूचना पर केस दर्ज कर पुलिस टीम बदमाशों की तलाश कर रही थी। मंगलवार शाम इंस्पेक्टर कैंट मनोज पाठक, आजाद चौक पुलिस चौकी प्रभारी कैसर खान, दरोगा सूरज सिंह की टीम संग रुस्तमपुर के पास वाहन की चेकिंग कर रहे थे। पुलिस ने टूटी नंबर प्लेट देखकर कुछ युवकों को रोका। नाम-पता पूछने पर वह पुलिस वालों को घुमाने लगे। शक होने पर पुलिस ने तलाशी ली तो उनके पास से 10 मोबाइल फोन बरामद हुए।

कुशीनगर में तैनात है सिपाही
पूछताछ में युवकों की पहचान मऊ दोहरीघाट निवासी रणधीर, जंगल मातादीन निवासी मोहम्मद सैफ, शाहपुर के पालीटेक्निक कालेज निवासी मोनू और मेडिकल कालोनी निवासी अजय के रूप में हुई। पूछताछ में सामने आया कि वह लोग राह चलते लोगों का मोबाइल फोन लूट लेते थे। रणधीर के पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल हैं। उनकी तैनाती कुशीनगर जिले में है। सैफ और अजय के पिता रेलवे कर्मचारी हैं, जबकि मोनू के पिता पालीटेक्निक में तैनात हैं। बच्चे के लूट में पकड़े जाने पर सिपाही ने छुड़ाने का प्रयास किया। लेकिन पुख्ता सबूतों की वजह से उनके सारे दांव फेल हो गए।

पांच वारदातों को दिया था अंजाम
शाहपुर एरिया में मोबाइल और पर्स लूटने वाले किशोरों ने पांच वारदातें की थी। मंगलवार को अरेस्ट किए गए बदमाशों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर उनको बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया। 14 जनवरी की दोपहर शाहपुर, लाल कोठी के पास बाइक सवार तीन बदमाशों ने एक महिला का पर्स लूट लिया। महिला के शोर मचाने पर ठेकेदार संजय सिंह ने बदमाशों का पीछा कर लिया। पेट्रोल खत्म होने पर बदमाश पैदल ही बाइक लेकर जा रहे थे। सूचना मिलने पर गीता वाटिका के पास पुलिस ने तीनों को दबोच लिया। पूछताछ में सामने आया कि तीनों दो माह से शाहपुर एरिया में सक्रिय थे। वह पैदल जाने वाली महिलाओं को निशाना बनाते थे। महिलाओं के शोर मचाने पर उनको मजा आता था। 14 जनवरी को वारदात के बाद अचानक उनकी बाइक का पेट्रोल खत्म हो गया था।