- शू फैक्ट्री मालिक के कर्मचारियों ने दिया वारदात को अंजाम

- पकड़े जाने के डर से बच्चे को अकोला गांव में छोड़ कर भागे

आगरा। प्रेमिका की चाहत ने उसे अंधा कर दिया। एक पल में जूता कारीगर अपराधी बन गया। उसने मालिक के बेटे का 15 लाख रुपये के लिए अपहरण कर लिया। अपराध के रुपये से वह अपना आशियाना बनाना चाहता था, लेकिन पुलिस की सक्रियता ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। अंधा प्यार उसे गुनाह के रास्ते पर ले गया और अब जिंदगी सलाखों के पीछे कटेगी।

जूता कारोबारी के बेटे का किया था अपहरण

काजीपाड़ा निवासी जितेंद्र की घर में शू फैक्ट्री है। फैक्ट्री में कालिंदी विहार कांशीराम आवास योजना निवासी विकास, शाहगंज रुई की मंडी निवासी लक्ष्मण, बीच का उखर्रा, राजपुर चुंगी निवासी मनोज काम करते हैं। गुरुवार शाम साढ़े चार बजे जितेंद्र का पांच वर्षीय बेटा अंशु घर से बाहर गया था। तभी उसका अपहरण हो गया। शाम 4:40 बजे ताऊ प्रदीप के मोबाइल पर 15 लाख की फिरौती का फोन आया। साढ़े सात बजे परिजनों को बच्चे के कागारौल के गांव अकोला में बरामद होने की बात पता चली।

गर्लफ्रेंड के लिए किया था अपहरण

पुलिस ने इस मामले में तीनों कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। इन्होंने ही अपहरण की योजना तैयार की थी। विकास के टुंडपुरा सदर निवासी युवती से प्रेम संबंध हैं। लेकिन युवती के परिजनों ने शादी करने से इनकार कर दिया। उसने प्रेमिका को भगाने का मन बना लिया। रविवार को वह आगरा छोड़ने वाला था, लेकिन उसे अपना आशियाना बनाने के लिए रुपयों की जरूरत थी। उसने रुपये जुटाने के लिए अपहरण की योजना तैयार की। अपने दो साथियों को इसमें शामिल किया। दोनों को चार-चार लाख रुपये का लालच दिया था।

बच्चे को मारने की थी योजना

पुलिस के मुताबिक विकास का रविवार को ग्वालियर भागने का प्लान था। योजना के तहत दोनों साथियों ने उसे आश्वस्त किया था कि फिरौती की रकम मिलते ही बच्चे को मार दिया जाता। बच्चे की हत्या विकास को करनी थी। इसके बाद दोनों साथी मामले को सम्भालते।

ठेल वाले के फोन से किया फिरौती का फोन

लक्ष्मण बच्चे को लेकर आया था। उसने बच्चे को विकास को दे दिया। विकास फैक्ट्री में मामा के यहां जाने की बात बोल कर निकला था। वह बच्चे को लेकर कम्पनी बाग चला गया। यहां पर रास्ते में एक ठेल वाले से बच्चे को बिस्किट दिलवाया। ठेल वाले से बोला कि बिस्किट और नमकीन का ज्यादा माल लेना है, मोबाइल घर भूल आया हूं। उसने ठेल वाले के मोबाइल से बच्चे के ताऊ के पास 15 लाख की फिरौती का कॉल कर दिया। बाद में लक्ष्मण बाइक लेकर पहुंच गया।

थाने पहुंचा था अपहर्ता

परिजनों की भीड़ के साथ कर्मचारी मनोज भी आया था। पुलिस ने उस पर शक जाहिर किया, लेकिन परिजनों ने मना कर दिया। पुलिस ने उस पर नजर रखना शुरू कर दी। उसने ही अपने साथियों को पुलिस तक मामला पहुंचने की सूचना दे दी। इसी के बाद अपहर्ता उसे अकोला गांव में छोड़ कर भाग गए। पुलिस ने तीनों को रामलीला ग्राउंड से बंदी बनाया है। मनोज की शादी तय हो चुकी है। उसका कहना था कि वह घटना में शामिल नहीं है। लक्ष्मण का कहना था कि एक दिन पहले ही उसे लालच देकर शामिल किया।