- कश्मीर के बारामूला में पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम के हमले में शहीद हुए हरीश सिंह नागरकोटी की पत्नी ने इकलौते बेटे को आर्मी में भेजने की जताई इच्छा

- पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में कार्रवाई पर पीएम मोदी को कहा शुक्रिया

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LUCKNOW: 'मेरे पति ने देश की रक्षा के लिये अपनी जान दी है। अब मेरा बेटा आर्मी ज्वाइन कर पिता का अधूरा काम पूरा करेगा और भारत माता पर बुरी नजर उठाने वाले की आंखे निकाल लेगा' यह कहना है पाकिस्तान सीमा पर देश की रक्षा करते शहीद हुए 14 राष्ट्रीय राइफल्स के शहीद नायक हरीश सिंह नागरकोटी की पत्नी रेखा नागरकोटी का। उन्हें पाकिस्तानी सेना द्वारा धोखे से मारे गए पति हरीश के बिछड़ने का गम तो है लेकिन, उनके दिल में देशभक्ति का जज्बा अब भी हिलोरे मारता है। यही वजह है कि वे अपने इकलौते बेटे को भी देश की रक्षा के लिये आर्मी में भेजने की इच्छा जताती हैं।

डेपुटेशन पर भेजे गए

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के मूल निवासी हरीश सिंह नागरकोटी बेंगलुरु स्थित आर्मी एयर डिफेंस में नायक के पद पर कार्यरत थे। 15 अगस्त 2010 में हरीश दो महीने की छुट्टी पर लखनऊ के तेलीबाग में डिफेंस कॉलोनी स्थित घर आए थे। 8 सितंबर 2010 को हरीश को सूचना मिली कि उन्हें 14 राष्ट्रीय राइफल्स में डेपुटेशन पर भेज दिया गया है और उनकी पोस्टिंग कश्मीर के बारामूला में कर दी गई। उन्हें तुरंत कश्मीर में अपनी नई पोस्टिंग पर रिपोर्ट करने को कहा गया। आदेश का पालन करते हुए हरीश फौरन रवाना हो गए।

घायल होने की मिली थी सूचना

हरीश की पत्नी रेखा ने बताया कि बारामूला में उन दिनों मोबाइल नेटवर्क बेहद खराब था। नतीजतन, मोबाइल फोन पर बातचीत नहीं हो पाती थी। हरीश पीसीओ से कभी-कभी कॉल कर हाल-चाल ले लेते थे। 4 अक्टूबर 2010 को हरीश की यूनिट से कॉल आई। बताया गया कि हरीश गहरी खाई में गिरकर घायल हो गए हैं। रेखा के मुताबिक, वह दिनभर पति की खोजखबर के लिये उनकी फोन का इंतजार करती रहीं। देरशाम तक कॉल न मिलने पर वे सिगनल रेजिमेंट गई और हरीश की यूनिट से संपर्क साधा।

पोस्टिंग के 26वें दिन देशरक्षा में गई जान

जिसके बाद उन्हें कॉल आई। जिसमें बताया गया कि हरीश दोपहर में पाकिस्तान सीमा पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। इसी बीच सीमा पर एक नाले में पेट्रोलिंग के दौरान पाकिस्तान सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) ने हरीश पर हमला बोल दिया। वे कुछ समझ पाते इससे पहले ही एक गोली हरीश के सिर को भेदते हुए पार निकल गई। जिससे वे मौके पर ही खून से लथपथ होकर बगल में स्थित 40 फीट गहरी खाई में गिर पड़े। हरीश के साथ पेट्रोलिंग पर निकले दूसरे जवानों ने जवाबी फायरिंग की तो बैट टीम भागकर पाकिस्तान के भीतर दाखिल हो गई। जिसके बाद उन्हें बाहर निकाला गया लेकिन, तब तक हरीश शहीद हो चुके थे।

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नहीं हारी हिम्मत

पति की शहादत के वक्त रेखा का बेटा मयंक महज दो साल का था। कोई अन्य सहारा न होने के बावजूद रेखा ने हिम्मत नहीं हारी। पति की शहादत के गम को उन्होंने खुद पर हावी नहीं होने दिया और आर्मी वाइफ्स वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) से संपर्क साधा। ध्यान बंटाने के लिये उन्होंने 41 इंफैंट्री ब्रिगेड स्कूल में टीचर के पद पर ज्वाइन कर लिया। रेखा कहती हैं कि पति की शहादत ने उनका व परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

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पाकिस्तान को मिले करारा जवाब

पुलवामा हमला समेत तमाम आतंकी हमलों को रेखा पाकिस्तान की कायराना हरकत बताती हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से देश आतंकी हमले झेल रहा है और सैकड़ों वीर जवान शहीद हो चुके हैं। आलम यह है कि अब तो इन शहीदों की विधवाओं की फौज खड़ी हो गई है। बहुत दिनों बाद किसी पीएम ने पाकिस्तान को उसकी करतूतों का जवाब दिया है। पाकिस्तान पर भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक पर उन्होंने खुशी जताई और इसके लिये पीएम मोदी को शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई अब रुकनी नहीं चाहिये।