पर अब शायद ट्रेंड कुछ बदला हुआ सा नजर आ रहा है। खास कर यूथ में। आज के टेक्नोसेवी यूथ तो वैसे भी एक तरह की चीजों को ज्यादा वक्त तक कैरी नहीं करना चाहते। अब ऐसे में सिर्फ गानों को ही कॉलर ट्यून बनाना थोड़े ही उन्हें कूल लगता। शायद इसर वजह से यूथ में आज-कल तरह-तरह के स्लोगन को अपना कॉलर ट्यून बनाने का ट्रेंड शुरू हो गया है।

कोई काम नहीं है क्या
अब गानों की जगह इंट्रेस्टिंग स्लोगंस ने ले ली है। गानों की जगह अब आपको कुछ ऐसे स्लोगंस सुनाई देंगे, जैसे ‘जब देखो फोन कर देते हो, कोई काम नहीं है क्या’। इस तरह के रिंग टोन यूथ की पसंद बनते जा रहे हैं। इसके अलावा कई मोबाइल कंपनियों ने इस तरह के रिंग टोन्स का नया स्टॉक मार्केट में उतारा है।

8,185 करोड़ रुपए का है ring tone का business
डिपार्टमेंट ऑफ टेलकॉम के मुताबिक मोबाइल ऑपरेटर्स कॉलर रिंग बैक जरिए करीब 8,185 करोड़ रुपए तक अर्न कर रहे हैं। यह स्थिति पिछले तीन साल से बनी हुई है। इस सर्विस की शुरूआत सबसे पहले आइडिया सेल्यूलर ने वर्ष 2004 में की थी और पिछले तीन साल में इसने 2,877 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है। इसके अलावा भारती एयरटेल ने 2,088 करोड़, वोडाफोन ने 1,521 करोड़, बीएसएनएल ने 689 करोड़, एयरसेल 230 करोड़ व टाटा टेलीसर्विसेज ने 407 करोड़ रुपए का कारोबार किया है। यहां अहम बात यह है कि दूसरे वैल्यू एडेड सर्विस की अपेक्षा कॉलर रिंग बैक टोन सबसे ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करने वाला प्रूव हुआ है। मोबाइल सब्सक्राइबर को इस सर्विस को यूज करने के एवज में मंथली 30 रुपए पे करना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक इस अमाउंट को टेलकॉम ऑपरेटर व म्यूजिक कंपनी के बीच शेयर किया जाता है।

सामने वाले का caller tune होगा अब आपकी मर्जी का
कॉलर ट्यून के बढ़ते क्रेज को देखते हुए टेलकॉम कंपनियां नए-नए एक्सपेरिमेंट कर रही हैै और कई अलग-अलग तरह के रिंग टोन व कॉलर टोन मार्केट में ला रही हैै। अभी हाल ही में टाटा टेलीसर्विसेज ने एक नया कॉलर टोन फैसिलिटी को लांच किया है।
इसके जरिए आप सामने वाले के मोबाइल पर रिंग करने के पर भी आप अपनी मर्जी के टोन सुन सकते हैैं। इसके साथ ही टाटा टेलीसर्विसेज ने अपने प्रोडक्ट टाटा डोकोमो के जरिए लोकेशन के हिसाब से फेसबुक की फैसिलिटी भी दे रही है। यह एक जीपीएस बेस्ड सर्विस है और साइन इन करते साथ फ्रैंड्स के लोकेशन का भी पता चल जाएगा।

'कंपनी नए-नए एक्सपेरिमेंट करती रहती है। यूथ के मूड और टेस्ट के हिसाब से इसे लांच किया जाता है। हम चाहते हैैं कि यूथ अपने हिसाब से कॉलर रिंग बैक टोन को इंज्वॉय कर सकें.'
-मधुर कार्ला, हेड कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन, टाटा टेली सर्विसेज

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