शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष तीन हज़ार से ज़्यादा पुरुषों के डीएनए के अध्ययन के आधार पर निकाला है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि पिता में एक ख़ास तरह का वाई-क्रोमोज़ोम पाया जाता है जो दिल की बीमारियों के ख़तरे को 50 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।

दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक 'द लांसेंट' में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है कि ब्रिटेन में हर पांच में से एक पुरुष में ये ख़ास क्रोमोज़ोम पाया जाता है, जो दिल की बीमारी होने के दूसरे बड़े कारण जैसे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी बढ़ाने का काम करता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर पुरुषों को दिल की बीमारी महिलाओं के अपेक्षा दस साल पहले हो जाती है। 40 साल की उम्र में जहां दो में से एक पुरुष को दिल की बीमारी होने की संभावना होती है वहीं महिलाओं में ये तीन में से एक को ही होती है।

वैसे अस्वस्थ जीवन शैली और रक्तचाप की समस्या के कारण भी दिल की बीमारी हो सकती है लेकिन इस ताज़ा शोध ने बता दिया है कि वाई-क्रोमोज़ोम इसका एक अहम कारण है, जिससे हर साल ब्रिटेन में हज़ारों पुरुषों की मौत होती है।

पिता से बेटे तक

यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर के डॉ। मैकीज़ टोमैसज़्वेस्की की टीम ने तीन हज़ार से ज़्यादा ऐसे ब्रितानी पुरुषों का अध्ययन किया जिनका आपस में खून का रिश्ता नहीं था।

इन लोगों पर किए गए इस आनुवांशिक जांच में ये पाया गया कि इनमें से 90 प्रतिशत पुरुषों में वाई-क्रोमोज़ोम के दो रूपों में से एक पाया ही जाता है। वाई-क्रोमोज़ोम के इन दोनों रूपों के नाम हैप्लोग्रुप-वन और हैप्लोग्रुप आर-1बी-1बी-2 है।

इनमें से जिन लोगों में वाई-क्रोमोज़ोम का पहला रुप हैप्लोग्रुप-वन पाया जाता है उनमें दिल की बीमारी होने के आसार दूसरे पुरुषों से 50 प्रतिशत ज़्यादा होते हैं।

वैज्ञानिक अब ये पता लगाने में लगे हैं कि वाई-क्रोमोज़ोम में पाया जाने वाला कौन सा जीन्स दिल की बीमारी को न्यौता देता है लेकिन उन्हें ये अच्छी तरह से पता है कि ये जीन्स किस तरह एक आदमी की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है।

डॉ। मैकीज़ टोमैसज़्वेस्की के मुताबिक,''हम इस खोज से काफी उत्साहित हैं, क्योंकि इससे ये साबित होता है कि आनुवांशिकता के हिसाब से वाई-क्रोमोज़ोम दिल की बीमारी की तरफ ज़्यादा संवेदनशील है.''

आज तक चिकित्सक वाई-क्रोमोज़ोम को कहीं ना कहीं पुरुषत्व और बच्चे पैदा करने की क्षमता से जोड़ कर देखते थे लेकिन इस खोज से पता चलता है कि इसका असर पुरुषों के दिल पर भी होता है।

उन्होंने ये भी कहा कि इस खोज में जो भी जानकारी हासिल हुई है, उससे पुरुषों में होने वाली इस बीमारी का बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकता है।

वैसे डॉ। मैकीज़ टोमैसज़्वेस्की ये भी कहते हैं कि पुरुषों को इस जानकारी के बाद भी अपनी जीवन शैली को बेहतर करने की कोशिश करते रहना चाहिए और नियमित तौर पर व्यायाम करने के साथ-साथ स्वस्थ भोजन खाना चाहिए।

ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की डॉ। हेलेना विलसन कहती हैं कि हालांकि दिल की ये बीमारी हृ्दयघात होने का एक मुख्य कारण है लेकिन फिर भी अस्वस्थ जीवन शैली और सिगरेट का सेवन भी इसका एक बड़ा कारण है।

अब अगला कदम ये पता लगाना होगा कि आख़िर वो कौन से जीन्स हैं जो दिल की बीमारी की आशंका बढ़ा देते हैं और किस तरह की आनुवांशिक जांच के ज़रिए हम इन खतरों के बारे में पता लगा सकते हैं।

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