सोनू से रंगदारी मांगने के बाद उनपर गदऊ की ओर से हुए हमले से बौखलाहट में थे बदमाश

ALLAHABAD: प्रापर्टी डीलर सोनू यादव की हत्या के पीछे रंगदारी का मामला सामने आया है। बदमाशों ने सोनू से रंगदारी मांगी थी। जब उसने देने से इंकार कर दिया तो मंगलवार को उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर मोनू पासी, गोलू भारतीय, सोनू पासी, कुलदीप, मनीष उर्फ पप्पी, लकी यादव, गौतम, आशीष व कई अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

सोनू पर सूचना देने का था शक

पुलिस को जांच में पता चला है कि गदऊ द्वारा लकी और आकाश पर हमले के बाद उन्हें लगा कि उनके बारे में सोनू ही सूचना दे रहा है और रंगदारी मांगने पर गदऊ के जरिए दबाव बना रहा है। सोनू की सास ने पुलिस को बताया कि तीन दिन पहले कुछ लोगों से झगड़े के बाद पुलिस उनके घर आई थी।

पहले भी दी थी धमकी

पुलिस के जाने के बाद एक शख्स ने मकान के बाहर गाली-गलौज करते हुए धमकी दी थी। तफ्तीश में यह बात भी सामने आई है कि अभियुक्तों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, लेकिन कुछ माह से वे अपने गुट को मजबूती देने के लिए इलाके में दबंगई कर रहे थे। सीओ सिविल लाइंस श्रीशचंद्र के अनुसार तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर अभियुक्तों की तलाश की जा रही है।

कचहरी से लौटा था घर

परिजनों ने पुलिस दी तहरीर में बताया है कि सोनू दोपहर में किसी काम से कचहरी गया था। लौटने के बाद घर की चौखट पर खड़ा होकर वह पत्‍‌नी वर्षा से बात कर रहा था। तभी किसी ने फोन कर सोनू को बुलाया तो वह तीन बजे निकल गया। इसके बाद मामा के घर गया। कहा जा रहा है कि इसी दौरान सोनू की घेराबंदी कर ली गई। जब वह मामा के घर से निकला तो हमलावरों ने असलहा व बम लेकर दौड़ा लिया। सोनू गलियों में जान बचाने के लिए इधर-उधर भागता रहा और फिर राम औतार के मकान में घुस गया। जहां उसकी हत्या कर दी गई।

कमाई बढ़ने से जलने लगे थे लोग

एसएसपी नितिन तिवारी को पूछताछ में परिजनों ने बताया कि सोनू हर माह काफी अच्छी कमाई करने लगा था। प्रापर्टी का कारोबार भी अच्छा चल रहा था। इससे उनके गांव व मोहल्ले के कुछ लोग जलने लगे थे।

भाई की तहरीर पर सात लोगों को नामजद किया गया है। सभी की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही है। घटना के पीछे एक दूसरे पक्ष से तनातनी का मामला समाने आ रहा है। मृतक की क्रिमिनल हिस्ट्री रही है।

नितिन तिवारी, एसएसपी