बॉम्बे हाई कोर्ट ने सूरज पंचोली को यह कहते हुए बेल दे दी कि जिया खान के इंपलसिव होकर किए गए सुसाइड के लिए सूरज को अकेले रिस्पेयसिबल नहीं ठहराया जा सकता. जस्टिस साधना जाधव ने कहा, बेशक यह बेहद अनफार्च्यूनेट है कि एक यंग गर्ल ने सुसाइड किया. लेकिन सट्रांग इमोशनल स्टेट ऑफ मांइड में उठाए जिया के स्टेप के लिए सूरज को अकेले रिस्पोसिबल नहीं माना जा सकता. लास्ट 10 जून को अरेस्ट किए गए सूरज को 50 हजार रुपये के मुचलके पर बेल दी गई साथ ही कोर्ट ने उसे अपना पासपोर्ट हेंडओवर करने और हर ऑल्टडरनेट डे जुहू पुलिस स्टेशन में प्रेजेंट होने के ऑडर्र दिए हैं.
कोर्ट ने यह भी माना कि जिया के रेजिडैंस से मिला सिक्स पेज का लेटर सुसाइड नोट नहीं माना जा सकता, क्योंकि उस पर किसी का नाम नहीं लिखा गया था और न ही उस पर डेट ही डाली गई थी. कोर्ट ने पूछा कि जो हैंड रिटेन लेटर जिया के घर से मिला है वह सूरज के लिए लिखा गया है या वह जिया की डायरी का कुछ पार्ट है? क्या इसे सुसाइड नोट माना भी जा सकता है? जब उस पर कोई तारीख ही नहीं है तो क्या इसे उस दिन से रिलेट किया जा सकता है, जिस दिन जिया ने सुसाइड किया? कोर्ट ने कहा कि जिया का लेटर कभी भी सूरज तक पहुंचा ही नहीं था.
पहले सेशन कोर्ट ये कहकर बेल प्ली रिजेक्ट कर दी थी कि सूरज पांचोली प्राइम सस्पेक्ट है और केस एक इंर्पोटेंट जगह पहुंच गया है, ऐसे में सूरज की बेल केस इंक्वॉयरी को इफेक्ट कर सकती है. सूरज को जिया की डेथ के लिए रिस्पोरसिबल ठहराया गया था. उस पर चार्ज है कि उसने जिया के लिए ऐसी सिच्युएशन क्रिएट कर दी कि वह सुसाइड करने के लिए मजबूर हो गई.
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