सिविल लाइन एच.पी चौराहा
टाइम- दोपहर 1.30 बजे
आई नेक्स्ट में पब्लिश खबर को गंभीरता से लेते हुए ट्रैफिक पुलिस ने स्कूलों के आस-पास वाहन चेकिंग शुरू की। इस दौरान स्कूली बच्चों के वाहनों के पेपर, हेलमेट और ड्राइविंग लाइसेंस चेक किए गए। ट्रैफिक डिपार्टमेंट की एक टीम ने व्हीकल सवार बच्चों को रोका तो उनसे मिलने वाले जवाब से खुद पुलिस भी हतप्रभ रह गई। ट्रैफिक पुलिस ने पहली बार उन्हें अल्टीमेटम देकर छोड़ दिया और नसीहत में जल्द लाइसेंस बनवाने की सलाह दी। हालांकि एक गाड़ी का पुलिस ने चालान किया और दूसरी गाड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उसे जब्त कर लिया।

क्या डीएल जरूरी है अंकल?
स्कूल की छुïट्टी के बाद अपने टू व्हीलर से बच्चे घर के लिए निकले तो रास्ते में उन्हें ट्रैफिक पुलिस ने हाथ देकर रोक लिया। बच्चे बिना डरे सहमे गाड़ी रोक दी और रोकने का कारण पूछा। पुलिस टीम ने उनसे गाड़ी के पेपर मांगे जिसे डिक्की से निकाल कर बच्चों ने दिखा दिया। पुलिस टीम ने जब ड्राइविंग लाइसेंस मांग तो बच्चों ने एक ही जवाब दिया क्या अंकल डीएल जरूरी है? उनके पास विद गियर और बिना गियर कोई भी लाइसेंस नहीं था जबकि कई बच्चे ऐसे थे जिनकी व्हीकल गियर वाले भी थे। पहले दिन पुलिस ने उन्हें अल्टीमेटम देकर छोड़ दिया और हिदायत दी कि अपने पैैंरेंट्स से लाइसेंस बनवाने के लिए कहे तभी रोड पर गाड़ी लेकर निकलें।

सर, मेरे फादर डीएम ऑफिस में है
बच्चे मासूम और नासमझ होते हैं। उन्हें काबिल बनाने में उनके पैरेंट्स का हाथ होता और बिगाड़ने में भी। वाहन चेकिंग के दौरान कई ऐसे बच्चे भी मिले जिन्होंने ट्रैफिक पुलिस को ही 'अरदबÓ में लेने का प्रयास किया। स्कूल ड्रेस में पैशन बाइक सवार एक नाबालिग ने लाइसेंस मांगने पर डीएम ऑफिस में कार्यरत अपने पिता की हनक दिखाने लगा। हालांकि पुलिस टीम ने उसे आगे से लाइसेंस बनवाकर या फिर साइकिल से स्कूल आने-जाने की नसीहत दी। जबकि उस स्टूडेंट के पास हेलमेट तक नहीं था। इतना ही नहीं कई बच्चे अपने बिजनेसमैन और डॉक्टर पिता की हनक दिखा पुलिसकर्मियों को शिकायत करने की धमकी भी दी।

जब पुलिस ने दौड़ाकर रोका
एच.पी चौराहे पर चेकिंग कर रही पुलिस टीम ने स्कूटी से स्कूल ड्रेस में जा रहे शुभम नाम के स्टूडेंट को रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देख कर वह गाड़ी समेत भागने लगा। पुलिस टीम ने उसे दौड़ाकर पकड़ना चाहा तो पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए। पुलिसकर्मी गाड़ी के पीछे लगे कैरियर में लटक गए और शुभम उन्हें कुछ दूर तक घसीटते ले गया। आखिर चार पुलिसकर्मियों ने घेरकर गाड़ी को पकड़ लिया। पेपर मांगने पर उसके पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस था और न ही गाड़ी के पेपर थे। यहीं नहीं उसके पास हेलमेट तक नहीं था। इसके बाद भी वह रोके जाने पर पुलिस टीम से भिड़ गया और फादर के दम पर उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी तक दे डाली। आखिर में पुलिस ने उसकी गाड़ी जब्त कर ली।

जब सिपाही ने दिए किराए के 10 रुपए
गाड़ी के जब्त होने पर शुभम ने मासूमियत से कहा आप ने गाड़ी जब्त कर ली है तो मैैं घर कैसे जाऊंगा। मेरे जेब में किराए के भी पैसे नहीं है। इसपर ट्रैफिक कांस्टेबल ने अपनी जेब से 10 रुपए निकाल कर स्टूडेंट के हाथ में सम्मान के साथ दिया और इसके साथ ही उसे लाइसेंस बनवा कर ही रोड पर गाड़ी चलाने की सलाह दी।

स्कूली बच्चों के बाइक यूज करने के मामले में एक स्पेशल चेकिंग अभियान चलाया गया.  एक दर्जन गाड़ियों के चालान किए गए और कई स्कूली बच्चों को अल्टीमेटम दिया गया। हालांकि इसमें गलती स्कूली बच्चों की नहीं उनके पैैंरेंट्स की है।
अरुण सिंह, टीएसआई

 

report by : mayank.srivastava@inext.co.in