गांगुली का क्रिकेट से संन्यास

दरअसल, सौरभ गांगुली के जीवन पर आधारित 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' नाम की एक पुस्तक जल्द ही प्रकशित होने वाली है। बताया जाता है कि जब चैपल भारतीय टीम के कोच थे, तब उन्होंने गांगुली को आगामी मैच में कप्तानी और टीम दोनों में ही सेलेक्ट नहीं किया था। इस कारण से गांगली ने गुस्से में आकर क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।

सामने आई सौरव गांगुली के क्रिकेट से संन्‍यास के पीछे की कहानी

संन्यास की असली वजह

सौरभ ने किताब के जरिये क्रिकेट से संन्यास लेने की असली वजह यह बताई है. उनके मुताबिक जब उन्हें साल 2008 में ईरानी ट्राफी के लिये भारतीय टीम में सेलेक्ट नहीं किया गया, तो वह उस समय काफी गुस्से में थे। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अगले मैचों से टीम में वापसी करने का प्रयास जारी रखा। इसके बाद भी बोर्ड ने इन्हें खेलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में वापसी करने की कोशिश लंबे समय तक चलती रही. इसलिए उनके पिता इस संघर्ष को बर्दास्त नहीं कर पाए और उन्होंने सौरभ को तुरंत क्रिकेट से संन्यास लेने को कहा।

सौरभ ने उनकी बात नहीं मानी

सौरभ ने बताया कि 'तब मैंने उनका विरोध करते हुए कहा कि बापी (पिताजी) आप इंतजार करो, मैं जरूर टीम में वापसी करूंगा।' इसके बाद गांगुली ने बताया कि उन्होंने इस बारे में कुंबले से बात की और उन्होंने जल्दबाजी में फैसला नहीं करने के लिये कहा। गांगुली को कई दिनों बाद फिर से एक बार टीम में सेलेक्ट किया गया। बता दें कि यह गांगुली का आखिरी मैच था और इसमें उन्होंने मैदान पर जबरदस्त परफोर्म किया था।   

सौरभ की किताब

गौरतलब है कि 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' सौरभ गांगुली के जीवन और क्रिकेट करियर पर आधारित पुस्तक है। इसके सह लेखक गौतम भट्टाचार्य हैं। इसमें गांगुली के जीवन और करियर से जुड़ीं हर एक बात मौजूद है।

सामने आई सौरव गांगुली के क्रिकेट से संन्‍यास के पीछे की कहानी

Cricket News inextlive from Cricket News Desk