भारत की गेंदबाजी पर सवालों के साथ शुरू हुई सीरीज में दो मैचों के बाद भारतीय बल्लेबाजी क्रम पर भी अंगुली उठने लगी है. शुरुआती दो मैचों में दक्षिण अफ्रीका की तेज और उछाल भरी पिचों पर भारतीय बल्लेबाजी की कलई खोल दी. दोनों मैचों में डेल स्टेन का शुरुआती स्पैल भारत के लिए कहर साबित हुआ और उनके पांच ओवर पूरे होते-होते मैच का नतीजा दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ हो गया. इस सीरीज से पहले भारत का शीर्षक्रम जबरदस्त फॉर्म में था. चाहे वह रोहित शर्मा हों, शिखर धवन या विराट कोहली.

तीसरे मैच में भारतीय टीम पर काफी दवाब होगा क्योंकि एक तरफ उनका सामना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज से है और दूसरी ओर भारत का मध्यक्रम भी अब तक नाकाम रहा है. कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी पिछली हार के बाद यह बात स्वीकार कर चुके हैं. सुरेश रैना और युवराज सिंह की खराब फॉर्म भी चिंता का सबब बनी हुई है. इस सीरीज से ठीक पहले भी दोनों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था. ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों का औसत 20 से कम रहा.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में टीम प्रबंधन ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी क्रम में प्रयोग किया और क्रम बदलने से युवी की फॉर्म पर असर पड़ा, लेकिन खराब प्रदर्शन के लिए इसे बहाना नहीं माना जा सकता. वेस्टइंडीज के खिलाफ फिर चौथे नंबर पर उतरे युवराज ने कानपुर मैच में 55 रन की पारी खेली थी, लेकिन वांडरर्स पर पहले वनडे में वह सिर्फ दो गेंद ही खेल सके. युवराज और रैना के पक्ष में यह दलील दी जा सकती है कि अनियमित स्पिन गेंदबाजों के तौर पर वह उपयोगी साबित होते हैं.

कप्तान धौनी ने तीसरे वनडे के लिए टीम में अधिक बदलाव की संभावना से इन्कार किया. इसके मायने हैं कि युवराज की जगह फिर अजिंक्य रहाणे को उतारा जा सकता है या फिर अंबाती रायुडू को मौका दिया जाएगा. हालांकि दोनों में से कोई भी कामचलाऊ गेंदबाज नहीं हैं. गेंदबाजों की बात करें तो मुहम्मद शमी के लिए यह दौरा सबक रहा है. उन्होंने दोनों मैचों में छह विकेट चटकाए. उन्हें तीसरे मैच में बाहर रखे जाने की कोई संभावना नहीं दिखती. जहां तक दक्षिण अफ्रीका का सवाल है तो उन्होंने भारत की कमजोरी पकड़ ली है और वह इसी रणनीति पर कायम रहेंगे. तीसरे मैच में जैक्स कैलिस और स्टेन को आराम दिया जा सकता है.

टीम

भारत : महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, युवराज सिंह, सुरेश रैना, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, मुहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, इशांत शर्मा, अमित मिश्रा, अंबाती रायुडू, अजिंक्य रहाणे.

दक्षिण अफ्रीका : एबी डिविलियर्स (कप्तान), हाशिम अमला, क्विंटन डि कॉक, जेपी डुमिनी, इमरान ताहिर, जैक्स कैलिस, रेयान मैक्लॉरेन, डेविड मिलर, मोर्नी मोर्केल, वेन परनेल, वर्नेन फिलेंडर, ग्रीम स्मिथ, डेल स्टेन, लोनवाबो सोतसोबे.

300 क्लब में हो सकते हैं शामिल धौनी

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में होने वाले तीसरे और आखिरी वनडे में एक कैच या स्टंप करने पर क्रिकेट के इस प्रारूप में 300 या इससे अधिक शिकार करने वाले विकेटकीपरों के क्लब में शामिल हो जाएंगे.

धौनी ने अब तक 237 वनडे मैचों में 299 शिकार किए हैं जिसमें 220 कैच और 79 स्टंपिंग शामिल हैं. एक और बल्लेबाज को कैच या स्टंप करने पर वह 300 या इससे अधिक शिकार करने वाले दुनिया के चौथे और भारत के पहले विकेटकीपर बन जाएंगे. वनडे में सर्वाधिक शिकार का रिकार्ड ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट के नाम है, जिन्होंने 287 मैच में 472 शिकार (417 कैच और 55 स्टंप) किए हैं. दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर दूसरे नंबर पर हैं. उन्होंने 295 मैचों में 424 शिकार (402 कैच, 22 स्टंप) किए हैं. श्रीलंका के कुमार संगकारा ने विकेटकीपर के रूप में 313 मैच खेले उनमे ं उन्होंने 423 शिकार (336 कैच और 87 स्टंप) किए.

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