- सीएम ने सभी पार्टी पदाधिकारियों को जनता की समस्या सुनने के लिए कहा था

- चुनाव में मिली हार के बाद सपा ने पार्टी की सभी ईकाइयों को कर दिया था भंग

LUCKNOW: सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के लम्बे चौड़े लेक्चर के बाद प्रदेश के मुखिया और सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक आदेश जारी कर पार्टी के पदाधिकारियों को हर विधानसभा के पार्टी ऑफिस में बैठकर शिकायत सुनने के लिए कहा था। शिकायत सुनने वालों में विधायक से लेकर जिलों के पार्टी अध्यक्ष और संगठन के दूसरे पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी दी गयी थी, लेकिन यह पूरा आदेश ही जनता के साथ एक और धोखा नजर आ रहा है।

संगठन तो है ही नहीं, सुनेगा कौन?

लोकसभा इलेक्शन में करारी हार के बाद पार्टी ने सभी जिला संगठन को भंग कर दिया था। प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर किसी भी नेता या कार्यकर्ता के पास पद नहीं है। नये सिरे से संगठन बनाने की प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई और सीएम की ओर से यह आदेश कि संगठन के लोग पब्लिक की प्रॉब्लम सुनने के लिए ऑफिस में बैठेंगे एक मजाक नजर आ रहा है।

दूसरी पार्टियों के लोग ले रहे चुटकी

इस मामले में दूसरी पार्टी के नेता सपा प्रदेश अध्यक्ष के इस डिसीजन की चुटकी ले रहे हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सीएम साहब को खुद नहीं पता कि उनकी पार्टी का संगठन भंग हो चुका है। जबकि, सपा के लोगों का कहना है कि जब तक संगठन नहीं गठित हो जाता तब तक पार्टी के विधायक अपने-अपने एरिया में बैठकर लोगों की शिकायत सुनेंगे। बीजेपी के यंग लीडर अभिजात मिश्रा का कहना है कि प्रदेश में सपा के लगभग ख्ख्0 विधायक हैं। बाकी एक जगह पर सपा के विधायक नहीं हैं ऐसे में शिकायत सुनने वाला कौन होगा?

लखनऊ में विधायकों ने सुनी प्रॉब्लम

लखनऊ पश्चिम स्थित सपा के ऑफिस में विधायक रेहान नईम ने खुद बैठकर लोगों की शिकायत सुनीं। रेहान ने बताया कि यहां सबसे अधिक शिकायत बिजली, पानी और सफाई को लेकर आ रही है। सुबह दो स्थानों पर उन्होंने खुद स्थलीय निरीक्षण कर शिकायतों का समाधान कराया। उन्होंने बताया कि समाजवादी पेंशन के लिए फॉर्म डिस्ट्रिब्यूशन भी उनके ऑफिस से कराया जा रहा है। मंडे को म्भ्0 फॉर्म डिस्ट्रिब्यूट किये गये। इससे पहले अब तक छह हजार से अधिक फॉर्म बांटे जा चुके हैं और उन्हें नगर निगम के थ्रू जमा कराये जा चुके हैं।