LUCKNOW :

कृष्णा नगर से लापता हुए ज्वेलरी कारोबारी की हत्या उन्नाव के एक ज्वेलर ने की थी। हत्यारोपी समाजवादी युवजन सभा का पूर्व सचिव है। उसने अपने तीन साथियों के साथ अपनी सफारी गाड़ी में ज्वेलर कारोबारी की हत्या करने के बाद करीब 11 लाख रुपये की ज्वैलरी लूट ली थी। हत्या के बाद टीन के बाक्स में डेडबॉडी को बंद कर नहर में फेंक दिया था। उसकी लोकेशन न मिल सके इसके लिए हत्यारों ने कारोबारी का मोबाइल फोन भी नहर में फेंक दिया था। हत्या के पीछे 80 ग्राम सोने की ज्वैलरी का पेमेंट बताया जा रहा है। जिसका हत्यारोपी पर कर्जा था। माली हालत और कर्ज को उतारने के लिए उसने अपने दोस्तों के साथ कारोबारी की हत्या की योजना बनाई थी। कृष्णा नगर पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत दो को गिरफ्तार कर लूटी गई ज्वैलरी बरामद की है जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है।

 

एक दिन पहले की थी रेकी

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि कृष्णा नगर के शांति कुंज निवासी ज्वेलरी कारोबारी कुलदीप सिंह (60) की हत्या उन्नाव अजगैन निवासी ज्वेलर्स सागर गुप्ता उर्फ रजत ने की थी। हत्या की साजिश रचने वाले सागर ने अपने दोस्त अजगैन निवासी शिखर दीक्षित और आशीष द्विवेदी के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। कृष्णा नगर पुलिस ने सागर और शिखर को गिरफ्तार किया है जबकि आशीष मौके से फरार हो गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से कारोबारी कुलदीप सिंह के पास से लूटे गए 11 लाख रुपये की ज्वैलरी भी बरामद की है। पूछताछ में सागर ने बताया कि कुलदीप से उसने 80 ग्राम सोना (ज्वेलरी) ली थी। जिसका पेमेंट बाकी था। सागर ने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर साजिश रची और 16 सितंबर को लखनऊ जाने की बात कहकर कुलदीप को अपनी गाड़ी में बैठा लिया। उन्हें घर तक छोड़ा और इस दौरान सागर ने कारोबारी कुलदीप से उसके आने जाने की टाइमिंग के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली थी।

 

17 सितंबर को पराग चुंगी से बैठाया था गाड़ी में

कृष्णा नगर इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि प्लान के मुताबिक 17 सिंतबर को सागर सफारी गाड़ी यूपी 32 एफटी 1010 के साथ पराग चुंगी सुबह 8.30 बजे ही पहुंच गया था। उसके साथ शिखर और आशीष भी थे। 16 सितंबर को ही सागर ने नवाबगंज से एक टीन का बक्सा खरीद कर गाड़ी में रख लिया था। हमेशा की तरह ज्वेलरी कारोबारी कुलदीप रिक्शे से पराग चुंगी पहुंचे और पूड़ी खाने के बाद वह उन्नाव जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान सागर अपनी सफारी गाड़ी लेकर उनके पास पहुंचा और लखनऊ दवा लेने आने की बात बताई। सागर ने उन्नाव जाने की बात कहकर कुलदीप को अपनी गाड़ी में बैठा लिया। कुलदीप और सागर के पिता के बीच कारोबारी संबंध के साथ वर्षो पुरानी अच्छी दोस्ती थी। जिसके चलते कारोबारी कुलदीप बिना शक के उसकी गाड़ी में बैठ गए।

 

बंथरा क्रास करते कर दी गई थी हत्या

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि बंथरा क्रास करते ही नायलॉन की रस्सी से कारोबारी कुलदीप की गला कसकर हत्या कर दी गई थी। उसने सिर पर एलाइव्हील डिस्क से वार भी किया था। इसके बाद तीनों ने उनके शव को बक्से में डाला और नहर में फेंक दिया। कारोबारी कुलदीप की मौत का सुराग छिपाने के लिए हत्यारों ने उनका मोबाइल फोन भी उसी समय स्विच ऑफ कर नहर में फेंक दिया था। कारोबारी के बैग में रखे करीब 11 लाख रुपये की ज्वेलरी आपस में बांट ली। लूटी गई कुछ ज्वेलरी को सागर ने अपनी दुकान के काउंटर में बिकने के लिए सजा दी थी।

 

मोबाइल की लोकेशन से हुआ खुलासा

18 सितंबर को कारोबारी कुलदीप की बक्से में बंद डेडबॉडी को अजगैन पुलिस ने बरामद किया था। जिसके बाद कृष्णा नगर में दर्ज उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट अपहरण में बदलकर उसकी जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस ने कुलदीप के मोबाइल फोन की लोकेशन के साथ कई अन्य नंबरों की जांच शुरू की। जिसमें सागर के नंबर की लोकेशन घटना के आस-पास कई बार मिली। दूसरी कड़ी में पुलिस ने टीन के बाक्स का पता लगाया तो नवाबगंज स्थित जसवीर की दुकान तक पहुंच गए। दुकानदार ने बताया कि ज्वेलरी शॉप कीपर प्रेम चंद्र के बेटे से सागर ने उससे 16 सितंबर को बक्सा खरीदा था।

 

सट्टे की लत सपा नेता को बनाया हत्यारा

हत्यारोपी सागर समाजवादी युवजन सभा का पूर्व सचिव है। कुछ दिन पहले उसके पिता की मौत हो गई थी। उसके पिता का सराफा कारोबारियों में बहुत सम्मान था। पिता की मौत के बाद उसे सट्टे की लत लग गई। जिसके चलते उसने कारोबार की बड़ी रकम सट्टे में हार गया था। कुलदीप सिंह के साथ सराफा बाजार का भी काफी कर्ज सागर के ऊपर आ गया था। कर्ज के छुटकारे और माली हालत सुधारने के लिए उसने कुलदीप को साफ्ट टारगेट बनाया था। इसके पीछे वजह थी कि वह पंजाब का रहने वाला था और उसके पिता का करीबी दोस्त था। दूसरा 80 ग्राम सोने के कर्ज से मुक्ती के साथ उसे भारी मात्रा में ज्वेलरी मिलने की उम्मीद थी। जिससे वह अपनी माली हालत सुधार सकता था।