यह हुई घटनाएं

-18 बच्चे अभी तक गुम हुए जिला अस्पताल से

-10 बच्चे मिल गए थे

-8 बच्चों का आज तक नहीं चल सका पता

अभी सुरक्षा के यह इंतजाम

-24 वार्ड हैं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में

-2 गार्ड हर वार्ड में तैनात हैं

- 1 भी वार्ड में नही लगे हैं सीसीटीवी कैमरे

-1 भी इंटरकॉम की व्यवस्था वार्ड में नहीं है

-1000 से 1200 पेशेंट डेली आते हैं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल

- एनएबीएच की ओर से बच्चा चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग

- पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं, तीमारदारों का भी रखा जाएगा रिकॉर्ड

अंकित चौहान, बरेली : महाराणा प्रताप जिला संयुक्त चिकित्सालय यानि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में अब किसी भी मरीज या तीमारदार का बच्चा चोरी नहीं होगा। हॉस्पिटल से लगातार हो रहे बच्चों की चोरी को रोकने के लिए एनएबीएच यानि नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से 12 कर्मचारियों की टीम बनाई गई है। इन कर्मचारियों को बच्चा चोरों को पकड़ने और बच्चों की हिफाजत के लिए स्पेशल स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। यह टीम डेली वार्डो में एडमिट और आने-जाने बच्चों पर नजर रखेगी। साथ ही हॉस्पिटल में घूम रहे संदिग्ध लोगों से भी पूछताछ करेगी। जिससे बच्चे सुरक्षित रहे।

'पिंक' करेगा मदद

एनएबीएच के सदस्यों ने ट्रेनिंग के दौरान कर्मचारियों को बताया कि अगर कोई व्यक्ति बच्चा चोरी कर रहा हो तो शोर न मचाएं, इससे चोर भाग सकता है। किसी व्यक्ति को बच्चा चोरी करते देखने पर तुरंत कर्मचारी को बताना होगा। जिसके बाद वार्ड इंचार्ज फोन पर अन्य कर्मचारियों को बस इतना बोलेंगे कि कोड पिंक हो गया है। जिससे अन्य कर्मचारी उसकी घेराबंदी कर उसे तुरंत पकड़ लेंगे। वही टीम के कुछ सदस्य अस्पताल गेट पर भी मौजूद रहकर नजर रखेंगे।

तीमारदारों का रखा जाएगा रिकॉर्ड

बच्चा चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए गठित की गई टीम बच्चा वार्ड और एनआरसी यानि पोषण पुर्नवास केंद्र में आने-जाने वाले बच्चों और उनके परिजनों का रिकॉर्ड लेगी। साथ ही उनके कॉन्टेक्ट नंबर भी टीम के पास मौजूद रहेंगे, जिससे इमरजेंसी की स्थिति में पूरी जानकारी जुटाई जा सके।

पहले हो चुकी हैं घटनाएं

केस 1

करीब दो साल पहले भमौरा क्षेत्र के एक गांव के दंपति का चाइल्ड वार्ड से किसी महिला ने बच्चा चोरी कर लिया था। काफी दिन पूछताछ हुई लेकिन बच्चा नहीं मिला। जिस कारण बच्चे की मां की हालत भी गंभीर हो गई थी।

केस 2

छह माह पहले बच्चा वार्ड से एक नवजात को कोई व्यक्ति उठाकर ले गया था। देर रात को घटना होने के कारण न बच्चे के परिजनों को इसकी भनक लगी और न ही ड्यूटी पर तैनात स्टाफ को। बहुत ढूढ़ने के बाद भी बच्चा नहीं मिला।

वर्जन

एनएबीएच के अंतर्गत 12 लोगों को बच्चा चोरी रोकने और चोरों को पकड़ने की टेनिंग दी गई है। इस प्रयास से काफी हद तक चोरी की घटनाओं में अंकुश लगेगा।

-पूजा चौहान, हॉस्पिटल मैनेजर