यहां पढऩेवाले फ्यूचर्स मैनेजर्स को इस लिरिक्स के जरिए वायरल मार्केटिंग के टेक्निक्स और फंडे से रू-ब-रू कराया जा रहा है। आईआईएम रांची के डायरेक्टर एमजे जेवियर का कहना है कि इस सांग के लिए जिस मार्केटिंग स्ट्रेटजी का इस्तेमाल किया गया, वह मैनेजमेंट स्टूडेंट्स के लिए बड़ा ही इंस्पायरिंग है।
कोलावेरी डी को बेहद कम वक्त में मिली इंस्टैंट पॉपुलैरिटी को देखते हुए न सिर्फ आईआईएम रांची बल्कि आईआईएम लखनऊ और बेंगलुरू सहित कई टॉप क्लास मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में इसपर स्पेशल सेशंस कंडक्ट कराए गए। आईआईएम रांची के जीएम आर। ई। पात्रो ने बताया कि इसे इंटीग्रेटेड मार्केटिंग कम्यूनिकेशन के तहत स्टडी टॉपिग के रूप में शामिल किया गया है।
आईआईएम रांची कैम्पस में सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स के लिए हाल में इस टॉपिक पर इसी हफ्ते आयोजित स्पेशल क्लास ऑर्गनाइज की गयी, जिसे कैरेटलेन डॉट कॉम ·के कॉरपोरेट प्रोफेसर ने कंडक्ट किया। बताया गया कि इस सांग ने कम वक्त में कंट्रीवाइड जिस तरह की पॉपुलैरिटी हासिल की, वह वायरल मार्केटिंग का बेस्ट एग्जांपल है।
दरअसल आईआईएम में ऐसे इवेंट्स और हैपनिंग को लेकर अक्सर क्लासेज कंडक्ट करायी जाती है। इससे पहले अन्ना हजारे मूवमेंट में इस्तेमाल की गयी टेक्निक्स पर भी स्पेशल क्लास आयोजित की गयी थी. कोलावेरी डी सांग पर आईआईएम रांची में फ्रेशर्स के लिए भी जल्द ही स्पेशल क्लास लगेगी। इधर सेकेंड ईयर के शुभारंभ ने बताया कि इंस्टीट्यूट के कैंटीन से लेकर हॉस्टल के कमरे तक में हर किसी के मोबाइल एप और लैपटॉप पर यह लिरिक्स गूंज रहा है। यह सांग पूरे कैंपस में माउथ स्पीक बना हुआ है और हर कोई इसे प्रैक्टिकली समझने की कोशिश कर रहा है।
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