पादरी की हवेली में असहाय बच्चों संग आई नेक्स्ट ने मनाई दीवाली

शाम ने हल्के से दस्तक दी थी। मंगलवार की शाम दूसरी तमाम शामों से कुछ हटकर थी। कुछ 'नई', कुछ 'तजुर्बे' वाली और 'कुछ ना' समझने वाली आंखों को एक लम्हे, एक पल का इंतजार था। आखिर वह पल भी आ गया। दोनों हाथों में मिठाइयां और सामने से रोशनी बिखेरती आतिशबाजी। आतिशबाजी की रोशनी कम होने पर हवा में गूंजती तालियां। अमूमन खामोशी में डूबी रहने वाली पादरी की हवेली में मंगलवार को बच्चों की हंसी और तालियों की गूंज आसमान को छूने की कोशिश कर रही थीं।

खुशियां लाई दीवाली

प्यारी ने अपने डांस के विशेष अंदाज और गाने से लोगों का दिल जीत लिया। प्यारी ने बच्चों और यहां मौजूद लोगों को एक गाना सुनाया 'आई दीवाली, खुशियां लाई दीवाली'। लगभग 55 या फिर 60 की उम्र की प्यारी का गाना सुन और डांस देखने के बाद लोगों ने तालियां बजाकर उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। इसके बाद नंबर आया नन्ही-सी अनन्या का। अनन्या ने अपनी प्यारी-सी आवाज में लोगों को सुनाया 'मम्मी यू आर डार्लिंग, डैडी यू आर डार्लिंग'। बच्चों का मन वैसे भी किसी चीज से नहीं भरता, तो अनन्या ने एक और गाना सुनाया 'मछली जल की रानी है'। अनन्या के गाने के बाद एक फिर तालियों की गूंज देर तक सुनाई देती रही।

मिठाइयां-पटाखे संग खुशियां

गानों और डांस का दौर थमने के बाद मौका आया मिठाइयां खाने-खिलाने का। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ने मिठाइयों का स्वाद चखा। अभी मिठाइयों की मिठास मुंह में घुल ही रही थी कि हवा में रोशनियां उठने लगीं। फ्लावर पॉट से निकलती रंग-बिरंगी रोशनियां, फुलझडिय़ों से निकलती रोशनी और जमीन पर तेज चक्कर खाकर रोशनी बिखेरती चक्करघिन्नी को देख हर चेहरा खुश हो रहा था। दो पल की ये खुशियां बता रही थी कि आज पादरी की हवेली के बच्चे और बुजुर्ग स्पेशल हो गए थे। दो पल की ही सही पर इन खुशियों ने बताया था कि आज दीपों का पर्व है और खुशियां बांटने से बढ़ती हैं। सो इन्ही पल को लोग जी रहे थे खुशियों का आदान-प्रदान हो रहा था। तमाम लोग दीवाली की रोशनी में नहा रहे थे।